रायपुर
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा ने 76 प्रतिशत आरक्षण बिल को राजभवन के पीछे छिप कर रोकने का षड्यंत्र किया है। जिसका नुकसान भर्ती प्रक्रिया में जनसँख्या के अनुपात में बढ़े हुए आरक्षण का लाभ नही मिल रहा है और ईडब्ल्यूएस वाले आरक्षण के लाभ से पूरी तरह वंचित हो गए है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने जनसँख्या के अनुपात में आदिवासी वर्ग को 32 प्रतिशत एससी वर्ग को 13 प्रतिशत ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस वालों को 4 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए 76 प्रतिशत आरक्षण सदन में पारित किया था। जो लगभग 5 माह से हस्ताक्षर नही होने के चलते राजभवन में अटकी हुई है। जिसके चलते सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया और स्कूल कॉलेज में एडमिशन में ओबीसी वर्ग को 13 प्रतिशत एससी वर्ग को 1 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस वाले को 4 प्रतिशत का नुकसान हो रहा है।
ठाकुर ने कहा कि भाजपा हमेशा से आरक्षित वर्ग के खिलाफ रही है। भाजपा पूंजीपतियों के समर्थक और गरीब एवं दबे कुचले लोगों की विरोधी है। भाजपा नहीं चाहती कि दबे कुचले शोषित वर्ग समाज के मुख्यधारा में जुड़े और खुशहाली के साथ जीवन यापन करें आरएसएस और भाजपा के नेताओं ने कई दफा सार्वजनिक मंचों के माध्यम से देश में आरक्षण को खत्म करने की वकालत कर चुके हैं और वही नीति को चलाने के लिए राजभवन के आड़ में षड्यंत्र कर रहे। भाजपा शासित राज्यों में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण पर राजभवन हस्ताक्षर कर देता है।
लेकिन गैर भाजपा शासित राज्यों में आरक्षण विधेयक को लटकाया जाता है। प्रदेश का हर वर्ग राजभवन जाकर उस 76 प्रतिशत आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर करने की मांग कर चुकी हैं सिर्फ भाजपा ही अब तक राजभवन जाकर हस्ताक्षर करने की अपील नहीं की हैं इससे समझ में आता है कि भाजपा आरक्षण के खिलाफ है और 76 प्रतिशत आरक्षण के सपोर्ट में जो संकल्प पारित किया गया है उसे भी मोदी सरकार नौवीं अनुसूची में अब तक शामिल नहीं की है यह प्रदेश के आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय है और इस अन्याय के लिए सिर्फ भाजपा जिम्मेदार है।