बीजिंग
अमेरिका को टक्कर देने के इरादे से चीन इन दिनों अपनी वैश्विक पहुंच को मजबूत करने और खुद को मसीहा साबित करने की कोशिश में लगा है। सऊदी अरब और ईरान के बीच बातचीत करवाने के बाद अब म्यांमार और बांग्लादेश के बीच दोस्ती करवाना चाहता है। चीन के विदेश मंत्री किन गैंग ने कहा है कि बीजिंग चाहता है कि वह भारत के पड़ोस में देशों के बीच विवाद को खत्म करवाए। बता दें कि म्यांमार में तख्तापलट के बाद किन गैंग ही ऐसे बड़े नेता हैं जिन्होंने म्यांमार की लीडरशिप से मुलाकात की है।
बता दें कि म्यांमार की जुंटा सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नजरअंदाज की जाती है लेकिन चीन इसका बहुत ही करीबी है। उसने म्यांमार के तख्तापलट को कभी गलत नहीं कहा। किन गैंग ने म्यांमार के सैन्य तानाशाह जनरल मिन ऑन्ग से कहा कि चीन बांग्लादेश और म्यांमार के साथ आपसी संबंधों को विस्तार देने को तैयार है।
चीन के विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक किन ने जुंटा के जनरल से कहा, चीन म्यांमार और बांग्लादेश के बीच संबंध सुधारने की पहल का स्वागत करेगा। चीन दोनों ही देशों के साथ काम करना चाहता है और चीन-म्यांमार-बांग्लादेश आपसी सहयोग को मजबूत करना चाहता है। इससे पहले चीन ने रोहिंग्या घुसपैठियों के मामले में भी दखल देने का प्रस्ताव दिया था।
हाल ही में सऊदी अरब और ईरान को करीब लाने में चीन ने अहम भूमिका निभाई है। चीन का भी दावा है कि उसने ही दोनों देशों के बीच बातचीत की पहल की थी और मध्यस्थता की थी। इसके बाद दोनों ही देशों में राजनीतिक संबंध भी शुरू हो गए। भारत की बात करें तो भारत ने भी म्यांमार से संबंध नहीं खत्म किए हैं। उधर किन ने कहा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को म्यांमार की संप्रभुता की कद्र करनी चाहिए और वहां शांति स्थापित होने का समर्थन करना चाहिए।
क्या है चीन का बड़ा स्वार्थ
किन ने चीन-म्यांमार इकनॉमिक कॉरिडोर को लेकर कहा कि म्यांमार के विकास के लिए वह अपनी क्षमता भर मदद देगा और सहयोग से चल रही परियोजना चीन-म्यांमार इकनॉमिक कॉरिडोर को आगे बढ़ाएगा जिसका लाभ लोगों को मिलेगा। किन ने म्यांमार के विदेश मंत्री से भी बात की। बता दें कि 2021 में म्यांमार में तख्ता पलट हुआ था और आंग सान सू की को हटा दिया गया था। इसके बाद हुई हिंसा में हजारों लोग मारे गए।