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अपस्कर्टिंग के खिलाफ जापान में बना कानून, आपत्तिजनक फोटो लेने पर 3 साल की जेल

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टोक्यो

जापान में महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक नया बिल संसद में पेश किया गया है। अगर ये बिल पास होकर कानून बनेगा तो जापान में स्कर्ट या दूसरे कपड़ों में महिलाओं के आपत्तिजनक फोटो लेने पर दोषी पाए गए व्यक्ति को तीन साल तक की जेल और लाखों रुपए के जुर्माने की सजा भुगतनी होगी। यह बिल पब्लिक डिमांड पर संसद में लाया गया है।

इस बिल को लाने का मकसद अपस्कर्टिंग जैसे महिलाओं से जुड़े अपराधों को रोकना है। ब्रिटेन और यूरोप के कई देश इसे पहले ही रेप कैटेगरी में डाल चुके हैं। इन देशों में इसके लिए सजा भी तय की जा चुकी है।

अपस्कर्टिंग क्या है?
अपराधी किस्म की मानसिकता के लोग छोटे कपड़ों में महिलाओं के फोटो क्लिक कर लेते हैं। फिर इन्हें किसी पोर्न वेबसाइट को बेच देते हैं, या रिवेंज पोर्न के तहत उस महिला को बदनाम किया जाता है। इस तरह की हरकत को ही अपस्कर्टिंग कहते हैं। जापान में अब इसे रेप कैटेगरी में शामिल किया जा रहा है। लोकल लैंग्वेज यानी जापानी में इसे ‘चिकान’ कहा जाता है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह के अपराध अक्सर भीड़ वाले पब्लिक प्लेसेज, थिएटर और स्टेडियम्स में अंजाम दिए जाते हैं। सबसे ज्यादा मामले जापान की मेट्रो ट्रेन्स में सामने आए हैं। यहां जल्दबाजी के चक्कर में महिलाएं अपने कपड़ों का ध्यान नहीं रख पातीं और अपराधियों की गंदी मानसिकता का शिकार बन जाती हैं।

बिल में क्या है?
बिल में अपस्कर्टिंग रोकने के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं। इसका पास होना बिल्कुल तय है। इस केस में गिरफ्तार किए गए आरोपी को कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा। जमानत की सख्त शर्तें लागू होंगी। उसके तमाम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को जब्त करने के बाद उसकी फोरेंसिक जांच होगी।

कोर्ट में सुनवाई होगी। इसमें सभी रिपोर्ट्स पेश की जाएंगी। अपराध साबित होने पर कम से कम तीन साल सजा और 18 लाख रुपए जुर्माना होगा। जुर्माना न भरने की सूरत में एक साल सजा और काटनी होगी।

इस तरह के अपराध रोकने के लिए जापान की मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियां ‘ऑडिबल शटर साउंड’ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शुरू कर चुकी हैं। इसमें जैसे ही कोई फोटो क्लिक किया जाएगा तो एक आवाज सुनाई देगी। इससे महिलाएं अपने आसपास हो रही किसी हरकत के प्रति सतर्क हो जाएंगी और फौरन पुलिस को रिपोर्ट कर सकेंगी।

हर साल बढ़ रहे मामले
जापान की पुलिस द्वारा जारी डेटा के मुताबिक 2010 में इस तरह के कुल 1741 मामले दर्ज किए गए थे। 2021 में यह आंकड़ा 5 हजार हो गया। माना जा रहा है कि अब यह फिगर करीब 8 से 10 हजार के बीच है।

कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कोरोना के दौर में लॉकडाउन और दूसरी पाबंदियों के चलते कुछ लोगों की मानसिकता में गलत बदलाव हुए और इसके बाद इस तरह के अपराध बढ़ते जा रहे हैं।

इसी साल मार्च में एक थीम पार्क में कुछ पुरुषों ने अपस्कर्टिंग को लेकर इवेंट किया और इसके फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किए। इसके बाद सरकार को सख्त कानून लाने पर मजबूर होना पड़ा। बाद में इन पुरुषों ने माफी मांग ली थी।

अपस्कर्टिंग से निपटने के लिए सरकारें सतर्क
अपस्कर्टिंग को रेप कैटेगरी में लाने वाला जापान पहला एशियाई देश है।
साउथ कोरिया में दोषियों को पांच साल सजा काटने के अलावा 6 लाख रुपए जुर्माना भी देना पड़ता है।
सिंगापुर में 2 साल जेल और जुर्माना भी भरना होता है। अगर विक्टिम 14 साल या उससे कम उम्र की है तो दोषी को सजा काटनी ही होगी।
ब्रिटेन और जर्मनी में 2 साल की सजा होना तय है। यहां 3 साल आंदोलन चला और 12 अप्रैल को ही नया कानून बना।
अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के अलग-अलग राज्यों में इस तरह के अपराधों से निपटने के लिए कानून हैं।