जबलपुर
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में आज सोमवार को 7 नए न्यायाधीशों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के साउथ ब्लॉक सभागार में आयोजित किया गया। नए न्यायाधीशों को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमथ ने शपथ दिलाई। 7 नए न्यायाधीशों के आने के बाद मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जजों की संख्या 35 हो गई है।
आबादी के अनुसार हाईकोर्ट में जजों के 53 पद हैं, और इनमें से 18 पद अभी भी खाली हैं। 1 मई को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जस्टिस रुपेश चंद्र वाष्णेय, अनुराधा शुक्ला, अचल पालीवाल, प्रेम नारायण सिंह, अवनीद्र कुमार सिंह, संजीव सुधाकर कलगांवकर, और जस्टिस हिरदेश ने शपथ ली। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने जिला अदालत के इन 7 जजों को हाईकोर्ट जज के रूप में पदोन्नत किया है।
इन सभी न्यायाधीशों को जिला अदालतों का लंबा अनुभव है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि नए न्यायाधीशों के आने के बाद हाईकोर्ट में लंबित प्रकरणों पर जल्द निपटारा हो सकेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कालेजियम के नामों को दी थी मंजूरीः
उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले हाई कोर्ट कालेजियम ने सातों न्यायिक अधिकारियों के नाम सुप्रीम कोर्ट कालेजियम के समक्ष अनुशंसा के लिए भेजे थे। जिस पर विचार करने के बाद पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट कालेजियम ने नामों को मंजूरी देते हुए हाई कोर्ट जज बनाने की अनुशंसा कर दी थी। आगामी प्रक्रिया के तहत सातों नामों की फाइल राष्ट्रपति के पास गई, जहां से मुहर लगने के साथ ही भारत सरकार के विधि एवं न्यायिक विभाग ने नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया।
ऐसा रहा है नए जजों का कार्यकालः
हाई कोर्ट जज बने रूपेश चंद्र वाष्णेय 28 सितंबर, 1987 से, अनुराधा शुक्ला 17 सितंबर, 1990 से, हिरदेश पांच जुलाई, 1990 से, प्रेम नारायण सिंह 16 जुलाई, 1990 से, अचल कुमार पालीवाल जुलाई, 1990 से, संजीव कलगांवकर 24 मई, 1994 से व अवनींद्र कुमार सिंह मई, 1990 से न्यायिक सेवा क्षेत्र में कार्यरत थे।