नईदिल्ली
दुबई से दिल्ली आ रहे विमान में पायलट की एक महिला मित्र के कॉकपिट में आने की घटना पर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सख्त रुख अपनाते हुए एयर इंडिया के सीईओ कैम्पबेल विल्सन को कारण बताओ नोटिस भेजा है।
विमानन नियामक ने 27 फरवरी की इस घटना की समय पर सूचना नहीं देने पर नाराजगी जताई है। इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली एयर इंडिया के सुरक्षा, रक्षा और गुणवत्ता परिचालन प्रमुख हेनरी डोनोहोए को भी कारण बताओ नोटिस भेजा गया है।
उड़ान के चालक दल के एक सदस्य ने डीजीसीए को शिकायत दी थी कि पायलट ने अपनी महिला मित्र को कॉकपिट में आने की अनुमति दी थी।
अधिकारी ने बताया कि 21 अप्रैल को ही नोटिस जारी कर दिया गया था। दोनों अधिकारियों को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। एयर इंडिया की ओर से फिलहाल कोई बयान नहीं आया है। डीसीईए ने इसी महीने एयर इंडिया को जांच पूरी होने तक चालक दल के सभी सदस्यों को ड्यूटी (रोस्टर) से हटाने का निर्देश दिया था।
विमानन कंपनी ने 21 अप्रैल को कहा था कि उसने उस कथित घटना को गंभीरता से लिया था और मामलों की जांच चल रही है। उड़ान के दौरान सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया गया था।
अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा मामले की जांच में भी देरी की गई। दोनों अधिकारियों को नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। एयर इंडिया की ओर से फिलहाल कोई बयान नहीं आया है।
सूत्रों ने बताया, “यह घटना 27 फरवरी की है और कैम्पबेल व डोनोहो को तीन मार्च को इसकी सूचना दी गई। डीजीसीए ने पहली पूछताछ 21 अप्रैल को की वहीं एयर इंडिया ने उससे पहले ऐसी कोई पूछताछ नहीं की थी।”
अनधिकृत लोगों को कॉकपिट में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होती है और ऐसा होने पर इसे नियमों का उल्लंघन माना जाता है।