गाजीपुर
गैंगस्टर एक्ट मामले में शनिवार को गाजीपुर की एमपीएमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी और सांसद अफजाल अंसारी को सजा सुनाई है। कोर्ट ने मुख्तार को 10 और अफजाल को चार की साल सजा सुनाई। साथ ही अफजाल पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। 2005 में दिन दहाड़े भाजपा विधायक कृष्णानंद राय और उनके छह साथियों की हत्या के मामले में सांसद अफजाल पर गैंगस्टर का केस दर्ज किया गया था। वहीं मुख्तार के खिलाफ कृष्णानंद राय और नंदकिशोर गुप्ता की हत्या के मामले में गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया था। दोनों भाइयों के खिलाफ मुहम्मदाबाद थाने में केस दर्ज कराया गया था। शनिवार को कोर्ट ने दोनों भाइयों को अलग-अलग सजा सुनाई है। मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है तो वहीं अफजाल अंसारी गाजीपुर से सांसद है। अफजाल छह बार विधायक और दो बार सांसद रह चुका है।
अफजाल को सजा मिलने के बाद अब उनकी लोकसभा की सदस्यता जाना तय माना जा रहा है। कानूनी जानकारों की मानें तो अफजाल निचली अदालत के फैसले के खिलाफ एक महीने के भीतर ऊपरी अदालत का रुख कर सकते हैं। कानूनी नियम के मुताबिक कोर्ट की सजा का ऐलान होते ही संसद या विधानसभा की सदस्यता को खुद ब खुद खत्म हो जाती है। स्पीकर अफजाल की संसद सदस्यता खत्म करने की घोषणा की रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजेंगे। इसके बाद आयोग गाजीपुर में उपचुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा।
कब से शुरू हुआ अफजाल का राजनीतिक करिअर
1985 में पहली बार अफजाल अंसारी मुहम्मदाबाद से कम्युनिष्ट पार्टी की टिकट से विधायक चुने गए थे। उसके बाद 1996 तक वह लगातार पांच बार विधायक चुने जाते रहे। इसके बाद अफजाल ने गाजीपुर से 2002 में विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन वह हार गया। 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में अफजाल को समाजवादी पार्टी ने गाजीपुर से टिकट दे दिया। अफजाल ने भाजपा प्रत्याशी को हराकर लोकसभा का चुनाव जीत लिया और गाजीपुर से पहली बार सांसद चुने गए। 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में अफजाल ने फिर चुनाव लड़ा, लेकिन जीत हासिल नहीं हुई। 2019 में अफजाल ने एक बार फिर दांव आजमाया। इस बार अफजाल ने भाजपा के मनोज सिन्हा को हरा दिया। मनोज सिन्हा इस समय जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल हैं।