भोपाल
जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा है कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में केन्द्र सरकार द्वारा देशभर में जनजातीय विद्यार्थियों की शिक्षा-दीक्षा एवं उनकी आवासीय सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके तहत केन्द्र सरकार ने देश के सभी प्रदेशों से प्राप्त प्रस्तावों के अनुसार ट्राइबल छात्रावासों के निर्माण के लिये स्वीकृति दी है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा भेजे गये प्रस्ताव को मान्य करते हुए 20 जिलों में 100 ट्राइबल छात्रावासों के निर्माण की मंजूरी दी गई है। 20 जिलों के 50 ब्लॉक्स में (हर ब्लॉक में) 2-2 ट्राइबल छात्रावासों बनाये जायेंगे। यह सभी ट्राइबल छात्रावासों 4-4 करोड़ रूपये की लागत और 100-100 सीटर होंगे।
जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि अभियान के तहत अलीराजपुर जिले के अलीराजपुर, जोबट, कट्ठीवाड़ा, सोण्डवा एवं उदयगढ़, बड़वानी जिले के पानसेमल एवं पाटी, बैतूल जिले के भीमपुर, मुल्ताई एवं शाहपुर, छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा, बिछुआ, हर्रई, जुन्नारदेव, परासिया एवं तामिया, दमोह जिले के तेंदूखेडा, डिंडोरी जिले के डिंडोरी, मेहंदवानी, समनापुर एवं शाहपुरा, जबलपुर जिले के कुंडम, झाबुआ जिले के पेटलावद, रामा, रानापुर एवं थांदला, खरगोन जिले के भगवानपुरा, भीकनगांव एवं झिरन्या, मंडला जिले के नारायणगंज, नरसिंहपुर जिले के नरसिंहपुर, पन्ना जिले के पवई, सतना जिले के रामपुर-बघेलान, सीहोर जिले के नसरूल्लागंज, सिवनी जिले के छपारा, धनौरा, कहानापस (घन्सौर) एवं लखनादौन, शहडोल जिले के ब्यौहारी, बुढ़ार एवं जयसिंहनगर, श्योपुर जिले के कराहल एवं विजयपुर, शिवपुरी जिले के खनियांधाना एवं शिवपुरी, सीधी जिले के सीधी एवं सिंहावल तथा सिंगरौली जिले के बैढ़न, चितरंगी एवं देवसर में यह हॉस्टलस् बनाये जायेंगे।
मंत्री श्री शाह ने बताया कि यह ट्राइबल छात्रावासों ऐसे स्थान पर (संभवत: सीएम राइज स्कूल परिसर में या इसके समीप) बनाये जायेंगे, जिससे आस-पास के गांवों के जनजातीय विद्यार्थियों को रहने और शिक्षा पाने की स्थायी सुविधा मिल सके। उन्होंने बताया कि देश के सभी जनजातीय बहुल गांवों के समग्र विकास एवं कल्याण के लिये केन्द्र सरकार द्वारा धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में प्रदेश के 51 जिलों के 267 विकासखंडों में स्थित 11 हजार 377 जनजातीय बहुल गांवों का संर्वागीण विकास किया जायेगा। इन 51 जिलों में 43 जनजातीय समुदायों के 18 लाख 58 हजार परिवार निवास करते हैं, जिनकी कुल 93 लाख 23 हजार आबादी इस अभियान से सीधे तौर पर लाभान्वित होगी।