नई दिल्ली
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने मंगलवार को दिल्ली में बढ़ते पलूशन को लेकर सभी न्यायाधीशों से कहा कि जहां तक संभव हो वर्चुअल सुनवाई करें। जैसे ही मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश संजय कुमार की पीठ बैठी, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल सहित अन्य वकीलों ने दिल्ली और एनसीआर में पलूशन की बदतर होती स्थिति का जिक्र किया। सभी वकीलों ने इससे निपटने के लिए तत्काल उपाय करने की मांग की।
हाईब्रिड मोड में काम करेंगी अदालतें
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कुछ वरिष्ठ वकीलों के अनुरोध को अस्वीकर दिया है। इन वकीलों की तरफ से अदालतों के कामकाज को पूरी तरह से वर्चुअल करने की मांग की गई थी। सीजेआई ने वकीलों से कहा कि अदालतें हाइब्रिड मोड में काम करती रहेंगीं। वकील सुनवाई के लिए वचुर्अल माध्यम चुन सकते हैं।
कपिल सिब्बल को मिला वकीलों का समर्थन
सीजेआई ने कहा कि हमने सभी जजों से कहा है कि जहां तक संभव हो वर्चुअल सुनवाई करें। सिब्बल ने कहा कि पलूशन नियंत्रण से बाहर हो गया है। कपिल सिब्बल को कई वकीलों का समर्थन मिला हुआ था। इसमें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और गोपाल शंकरनारायणन भी शामिल थे। कपिल सिब्बल ने कहा कि इसे कम करने की जरूरत है। साथ ही यह मेसेज अन्य अदालतों तक जाना चाहिए। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि शीर्ष अदालत को सिद्धांत रूप से वर्चुअल होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को खुद लिया संज्ञान
सोमवार को सर्वोच्च अदालत ने इस बात पर संज्ञान लिया कि एक्यूआई गंभीर प्लस श्रेणी में पहुंच गया है और सभी दिल्ली-एनसीआर राज्यों को पलूशन विरोधी ग्रैप- 4 प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने के लिए तुरंत टीमें गठित करने का निर्देश दिया है। साथ ही यह स्पष्ट किया कि अगले आदेश तक ग्रैप-4 से जुड़े प्रतिबंध जारी रहेंगे।
बिना अनुमती ग्रैप-4 के प्रतिबंध नहीं हटेंगे
सोमवार को सुबह 8 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 484 दर्ज किया गया, जो इस मौसम का सबसे खराब स्तर है। कुछ इलाकों में AQI 500 के पार भी पहुंच गया। इस कारण लगातार प्रतिबंध को लागू करने से जुड़ी खबरें आती रहीं। इनमें स्कूलों से जुड़े प्रतिबंध सबसे ज्यादा सामने आए। दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद और नोएडा के स्कूलों में आउटडोर एक्टिविटी, ऑफलाइन क्लासों के बंद करने जैसे तमाम प्रयास सामने आए।