भोपाल
वित्त विभाग ने सभी विभागों के अफसरों से कहा है कि केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में पर्याप्त बजट प्रावधान सुनिश्चित करने के बाद ही भारत सरकार से राशि प्राप्त करने की कार्यवाही की जाए ताकि अनावश्यक ब्याज देयता की स्थिति निर्मित न हो। ऐसी स्थिति के लिए अफसरों का उत्तरदायित्व भी तय किया जाएगा और दोषियों पर कार्यवाही भी होगी।
वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी ने कहा है कि सभी केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के अधिकारिक नाम का पूर्ण अनुपालन करने और सभी मंत्रालयों की सभी योजनाओं की ब्रांडिंग के संबंध में केन्द्र सरकार के सभी दिशा निर्देशों का पूर्ण पालन विभागों को करना होगा। पीएमएमएस के साथ साथ कोषालयों का एकीकरण और पीएफएमएस के बीच डेटा का आदान प्रदान जिसके लिस राज्य को पिछले 21 दिन में केन्द्र सरकार से राशि प्राप्त हुई हो किया जाए। एसएनए खातों में 31 मार्च 2023 तक केन्द्रीय हिस्से पर अर्जित ब्याज को भारत सरकार की संचित निधि में जमा करना और राज्य सरकार के वित्त सचिव द्वारा हस्ताक्षरित इस आशय का प्रमाणपत्र भी प्रस्तुत करना होगा।
भारत सरकार से केन्द्रांश की राशि प्राप्त होने पर एसएन ए खातों में केन्द्र और राज्य के अंश की समानुपातिक राशि का अंतरण तीस दिन में अनिवार्य रुप से करना होगा। देरी के लिए यदि ब्याज देने की स्थिति बनी तो अफसरों का उत्तरदायित्व तय किया जाएगा। लीगेसी डाटा की पीएफएमएस में एंट्री पूर्ण कर लंबित प्रकरणों के संबंध में भारत सरकार से रिकंसीलेशन की कार्यवाही की जाए। एसएनए खातों का पीएफएमएस से इंटीग्रेशन पूर्ण किया जाए और एसएनए खातों में जमा केन्द्रांश पर 31 मार्च 2023 तक अर्जित ब्याज को भारत सरकार की संचित निधि में जका कर प्रमाणपत्र वित्त विभाग को भेजा जाए।