नई दिल्ली
गूगल ने भारत में पर्सनल लोन देने वाली एप्स को लेकर कई नियाम तय किये हुए हैं. इन नियमों को इसलिए बनाया गया है ताकि आम आदमी किसी गलत एप के चक्कर में ना फंस जाए और प्ले स्टोर पर कोई गलत एप ना दिखाई दे. यूजर एक्सपीरियंस को ध्यान में रखते हुए हो सकता है की अब ऐसी एप्स से यूजर की कांटेक्ट डिटेल्स शेयर ना की जाएं
गूगल ने साल 2022 में भारत में 3500 से ज्यादा लोन ऐप्स के खिलाफ एक्शन लिया था। कंपनी के अनुसार, उन्होंने रिव्यू किया और पाया कि ये ऐप्स गूगल प्ले स्टोर की पॉलिसी के जरूरतों पर खरी नहीं उतर रही थी। इस एक्शन के जरिए कई ऐप्स को रिमूव भी किया गया। गूगल के अनुसार, वो लगातार इस मामले में अपनी पॉलिसी पर काम करते रहते हैं ताकि यूजर्स के एक्सपीरियंस को बेहतर कर सकें।
साल 2021 में फाइनेंशियल सर्विस ऐप्स और भारत में पर्सनल लोन ऐप्स की जरूरतों को लेकर गूगल ने प्ले स्टोर डेवलपर प्रोग्राम पॉलिसी में बदलाव किए थे। यह पॉलिसी सितम्बर 2021 से लागू हो गई थी। इस पॉलिसी के अनुसार, या तो ऐसी ऐप्स को डिक्लेरेशन फॉर्म भर के यह कन्फर्म करना होगा कि वो पर्सनल लोन उपलब्ध करवाने के लिए RBI से लाइसेंस्ड हैं और लाइसेंस की कॉपी सबमिट करें या फिर यह कन्फर्म करें की वो लाइसेंस्ड लेंडर्स से लोन उपलब्ध करवाने के लिए मात्र एक प्लेटफार्म हैं। ऐप डेवलपर्स को यह भी ध्यान देना है कि अकाउंट का नाम उससे जुड़े रजिस्टर्ड बिजनेस के नाम से मिलता हो, जो डिक्लेरेशन के समय उपलब्ध कराया गया था।
साल 2022 में गूगल ने पर्सनल लोन देने वाले डेवलपर्स के लिए अतिरिक्त आवश्यकताएं पेश कीं। इसके अंतर्गत उन्हें ऐप की डिटेल्स में अपने पार्टनर NBFC और बैंकों के नामों को ऐप डिस्क्रिप्शन में लिखना होगा। इसके साथ ही पर्सनल लोन ऐप डिक्लेरेशन के हिस्से के रूप में उन्हें पार्टनर NBFC और बैंक्स की वेबसाइट्स के URL भी देने होंगे जहां वो एजेंट के रूप में लिस्टेड हैं।
ग्लोबली, कंपनी ने हाल ही में अपने पर्सनल लोन पॉलिसी को अपडेट किया है जिसमें यह बताया गया है की जो ऐप्स पर्सनल लोन उपलब्ध करवा रही हैं, हो सकता है कि उन्हें यूजर के कॉन्टैक्ट या फोटो का एक्सेस ना मिले। इस अपडेट के हिस्से के रूप में जो ऐप्स पर्सनल लोन उपलब्ध करवाती हैं, उनको फोटोज और कॉन्टैक्ट जैसे सेंसिटिव डाटा का एक्सेस नहीं मिलेगा।