लखनऊ
प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में परोसे जाने वाले मध्यान्ह भोजन (मिड डे मील) में बच्चे जल्द ही पौष्टिकता से भरपूर श्रीअन्न यानी मोटे अनाज से बने व्यंजनों का भी लुत्फ उठा सकेंगे। राज्य सरकार मिड डे मील के मैन्यू में श्रीअन्न को शामिल करने जा रही है। बच्चे श्रीअन्न से बने भोज्य पदार्थों को आसानी से स्वीकार कर सकें इसके लिए उसे बच्चों की अभिरुचि के अनुसार स्वादिष्ट बनाकर परोसा जाएगा।
श्रीअन्न को जल्द से जल्द मिड डे मील में शामिल करने के लिए सरकार ने फिलहाल 62 हजार टन बाजरे की मांग की है। बताया जाता है कि मिड डे मील के लिए एफसीआई के गोदामों से अनाजों की आपूर्ति होती है और एफसीआई की भंडारण वाली सूची में मोटे अनाजों का उल्लेख नहीं है। लिहाजा आपूर्ति के लिए एफसीआई की सूची में इन्हें शामिल कराने और वहीं से आपूर्ति कराने के लिए राज्य सकार की ओर से केन्द्र सरकार को अनुरोध पत्र भी भेजा गया है।
मांग के अनुसार श्रीअन्न की व्यवस्था आसान नहीं प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में मोटे अनाजों का उत्पादन काफी कम है। ऐसे में प्रदेश के 87,984 प्राथमिक विद्यालयों एवं 55,083 उच्च प्राथमिक विद्यालयों के करीब सवा दो करोड़ बच्चों के लिए इतने अधिक मात्रा में मोटे अनाजों की व्यवस्था काफी कठिन माना जा रहा है।
अलग-अलग दिनों के लिए अलग-अलग हैं मैन्यू
दिन- मैन्यू
सोमवार- रोटी-सब्ज़ी जिसमें सोयाबीन अथवा दाल की बड़ी का प्रयोग हो एवं ताज़ा मौसमी फल।
मंगलवार- चावल-दाल साथ में घी।
बुधवार- मौसमी सब्ज़ी मिश्रित तहरी एवं गर्म दूध।
गुरुवार- गेहूं की रोटी एवं दाल।
शुक्रवार- तहरी जिसमे सोयाबीन की बड़ी का प्रयोग या चावल एवं मौसमी सब्ज़ी।
शनिवार- चावल एवं सोयाबीन युक्त सब्ज़ी।
दो करोड़ से अधिक बच्चों को दिया जाता है मिड डे मील
प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों के 1.83 करोड़ बच्चे तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों के 39 लाख बच्चों को प्रत्येक कार्यदिवस में अलग-अलग मेन्यू के अनुसार परोसा जाता है मिड डे मील। यह योजना प्रदेश के 87,984 प्राथमिक विद्यालयों एवं 55,083 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में चलाया जा रहा है।