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आनंद मोहन की बड़ी मुसीबत रिहाई के खिलाफ पटना HC में याचिका, SC जा सकता है पीड़ित परिवार

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 पटना

बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की सहरसा जेल से आज रिहाई हो गई है. सुबह करीब 4 :30 बजे ही उन्हें रिहाह कर दिया गया है. हालांकि खबर ये थी कि दोपहर करीब 1 बजे तक उनकी रिहाई होगी लेकिन सुरक्षा को देखते हुए उन्हें पहले ही रिहाह कर दिया गया. वहीं, उनकी मुश्किलें भी अब बढ़ने वाली है. भले ही उन्हें जेल से रिहाह कर दिया गया है, लेकिन पटना हाईकोर्ट में इस फैसले के खिलाफ जनहित याचिका दायर कर दी गई है. राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी जाने की तैयारी हो रही है.

कोर्ट से लगाई गई गुहार

पटना हाईकोर्ट में कल ही याचिका दायर की गई है. कोर्ट से ये गुहार लगाई गई है कि बिहार सरकार अपने फैसले को खारिज करें. याचिका में कहा गया है कि ऑन ड्यूटी आईएएस अफसर के हत्यारे को जेल से बाहर निकालने के लिए बिहार सरकार ने जेल मैनुअल में ही बदलाव कर दिया. कोर्ट से जेल मैनुअल में की गई बदलाव को भी खारिज करने की अपील की गई है.

सरकारी सेवकों का गिरेगा मनोबल

दायर की गई याचिका में कहा गया है कि सरकार के इस फैसले से अब सरकारी सेवकों का मनोबल गिर जाएगा अपना कर्तव्य निभाने से भी वो अब डरेंगे, जिसका खिमिजा जनता को भुगतना पड़ेगा. पटना हाई कोर्ट में अब इस फैसले के खिलाफ सुनवाई होगी. वहीं, इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी जाने की तैयारी हो रही है.
 

जी. कृष्णैया की बेटी ने फैसले को बताया गलत

वहीं, स्व. जी. कृष्णैया की बेटी पद्मा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने जो आनंद मोहन की रिहाई का फैसला लिया है, वह बहुत ही गलत है. हम चाहते हैं कि सरकार इसपर पुनर्विचार करें, हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे और इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी जाएंगे. दूसरी तरफ स्व. जी. कृष्णैया की पत्नी टी. उमा देवी भी ये कह चुकी है कि वो अब सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगायेंगी. आईएएस एसोसियेशन ने भी अब उनके साथ है.

वहीं मृतक डीएम जी. कृष्णैया का परिवार भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाला है. कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने कहा कि मैं राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील करती हूं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आनंद मोहन को वापस जेल भेजने की अपील करती हूं.

आनंद मोहन की रिहाई का विरोध

उन्होंने आगे कहा कि जनता विरोध कर रही है, इसके बावजूद आनंद मोहन की रिहाई कर दी गई. कानून के तरीके से ही वह जेल में गए थे तो फिर कानून के तरीके से कैसे बाहर हो गए? उन्होंने कहा कि इससे ईमानदार अधिकारियों का मनोबल टूटेगा और ऐसे में किसी भी अधिकारी का काम करने में मन नहीं लगेगा. जी कृष्णैया की बेटी ने इस फैसले पर दुख जाहिर करते कहा कि बिहार सरकार को एक बार फिर इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक परिवार के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अन्याय है. हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे.