चंडीगढ़
पंजाब विधानसभा आगामी विधानसभा सत्र से पहले पेपरलैस कार्रवाई के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगी। पंजाब के विधायकों को न सिर्फ विधानसभा सदन के भीतर उनकी सीटों पर आईपैड प्रो (12.9 इंच) फिक्स किए हुए मिलेंगे, बल्कि एक आईपैड एक्स्ट्रा भी मुहैया करवाया जाएगा। पंजाब विधानसभा सचिवालय और पंजाब सरकार के संबंधित विभागों द्वारा इस कार्य को आगामी सत्र से पहले पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
60 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार का और 40 प्रतिशत पंजाब का
पंजाब विधानसभा की कार्रवाई को पूरी तरह से पेपरलैस करने के लिए 271 आईपैड प्रो (12.9 इंच) खरीदे जा रहे हैं। विधानसभा को पूरी तरह से डिजिटलाइज करने का प्रोजैक्ट 12 करोड़ रुपए का है, जिसमें 60 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार का है और 40 प्रतिशत हिस्सा पंजाब द्वारा दिया गया है। खरीदे जा रहे 271 आईपैड्स में से 152 विधानसभा सदन के भीतर विधायकों की सीटों के साथ-साथ स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, विधानसभा सचिव और प्रैस गैलरी सदस्यों की सीटों पर फिक्स किए जाएंगे। ये सभी आईपैड वाई-फाई सुविधा के जरिए पंजाब विधानसभा के कामकाज के लिए तैयार नेवा (नैशनल ई-विधान एप) के साथ कनैक्ट होंगे। इन्हें सीटों पर फिक्स करने के लिए भी विशेष तरह के स्टैंड होंगे, जिन्हें इधर-उधर जरूरत के मुताबिक घुमाया भी जा सकेगा, ताकि विधानसभा में पेश होने वाले बिलों, दस्तावेज, रिपोर्ट व सवाल-जवाब वगैरह को आसानी से पढ़ा जा सके। नया सिस्टम होने की वजह से खराबी के कारण विधायकों को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो, इसके हल के लिए विधानसभा सत्र के दौरान हर वक्त आईपैड प्रो की पूरी जानकारी रखने वाला एक इंजीनियर विधानसभा में ड्यूटी पर तैनात रहेगा। इसके साथ ही एप को डिवैल्प करने वाले नैशनल इन्फार्मेटिक्स सैंटर के इंजीनियर भी मौजूद रहेंगे।
यूजर आई.डी. व पासवर्ड से प्रोटैक्टेड होगा सिस्टम
सदन में मौजूद सीटों पर फिक्स किए जाने वाले आईपैड और विधायकों को अपने साथ कैरी करने के लिए दिए जाने वाले आईपैड, सभी यूजर आई.डी. व पासवर्ड से प्रोटैक्टेड होंगे। महत्वपूर्ण जानकारी व दस्तावेजों के साथ-साथ विधायकों द्वारा विधानसभा सचिवालय के साथ किए जाने वाले पत्राचार का भी कुछ हिस्सा इसी एप में मौजूद रहेगा, जिसकी वजह से इसे सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करने के लिए तैयार किया जा रहा है।
विधायकों को मिलेगी ट्रेनिंग
आगामी विधानसभा सत्र को पूरी तरह से पेपरलैस करने के लिए चल रही प्रक्रिया के दौरान ही पंजाब विधानसभा द्वारा विधायकों की ट्रेनिंग करवाई जानी है। यह ट्रेनिंग पंजाब विधानसभा सचिवालय, पंजाब सरकार के प्रशासनिक सुधार विभाग और केंद्र सरकार के एन.आई.सी. के माहिरों द्वारा मिलकर करवाई जानी है। संभावना है कि इस ट्रेनिंग के लिए संसद के एक्सपर्ट भी बुलाए जाएं क्योंकि वहां पर नेवा एप के संबंध में काफी समय से काम चल रहा है।
हर विधानसभा सत्र के दौरान 21 लाख रुपए की बचत होगी
पंजाब विधानसभा को डिजिटलाइज करने का प्रयास पिछली सरकार के वक्त से ही चल रहा है, लेकिन अब तक यह सिरे नहीं चढ़ पाया था। सत्ता परिवर्तन के बाद बीते वर्ष विधानसभा सत्र के दौरान ही मुख्यमंत्री ने विधानसभा का डिजिटलाइजेशन करने का जिक्र किया था और बताया था कि इससे न सिर्फ हर विधानसभा सत्र के दौरान 21 लाख रुपए की बचत होगी, बल्कि डिजिटलाइजेशन की वजह से तकरीबन हर सत्र के दौरान इस्तेमाल होने वाले 34 टन कागज की भी बचत होगी, जिससे पेड़ों की कटाई भी रुकने से पर्यावरण की बेहतरी होगी।