नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट में LGBTQ+ व्यक्तियों के मौलिक अधिकारों को लागू करने की मांग वाली याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच सुनवाई कर रही है। बेंच ने गुरुवार को घोषणा की थी कि याचिका पर सोमवार से शुक्रवार तक सुनावाई की जाएगी। लेकिन सोमवार को सर्वोच्च अदालत याचिका पर सोमवार को सुनवाई शुरू नहीं कर पाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान पीठ पांच जजों की बेंच का हिस्सा रहे दो जजों की अस्वस्थता के कारण सोमवार को समान-लिंग विवाह को कानूनी मान्यता देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करेगी। शनिवार को न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की अस्वस्थता के कारण, वह 24 अप्रैल को अदालत नहीं लगा पाएगा।
समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 18 अप्रैल को सुनवाई शुरू की थी। सुनवाई कर रही पीठ में मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति रवींद्र भट, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा शामिल हैं। याचिकाओं पर सुनवाई दौरान पीठ ने कहा था कि इन याचिकाओं पर सोमवार से शुक्रवार तक सुनवाई की जाएगी।
याचिका के अनुसार, युगल ने अपनी पसंद के किसी भी व्यक्ति से शादी करने के लिए LGBTQ+ व्यक्तियों के मौलिक अधिकारों को लागू करने की मांग की है। अन्य याचिकाकर्ताओं ने एक-दूसरे से शादी करने के अपने मौलिक अधिकार पर जोर दिया और इस अदालत से उन्हें ऐसा करने की अनुमति देने और सक्षम करने के लिए उचित निर्देश देने की याचना की है।