भोपाल
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद को धर्म का रक्षक बताते हुए अपनी जीत पक्की करने के लिए एक बड़ा ब्राह्मण कार्ड चलने के साथ ही राज्य के मंदिरों को लेकर भी बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को परशुराम जयंती के अवसर पर कहा कि उनकी सरकार 'ब्राह्मण कल्याण बोर्ड' (Brahmin Kalyan Board) का गठन करेगी और राज्य के आठवीं कक्षा तक के स्कूली पाठ्यक्रम में पौराणिक चरित्र के बारे में पाठ शामिल करेगी।
शिवराज ने कहा कि हमने निर्णय लिया है कि मंदिरों की गतिविधियों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होगा और मंदिर की भूमि की नीलामी पुजारियों द्वारा की जाएगी न कि कलेक्टरों द्वारा… ब्राह्मणों ने हमेशा धर्म और संस्कृति की रक्षा की है, इसलिए हम उनके कल्याण के लिए 'ब्राह्मण कल्याण बोर्ड' की स्थापना करेंगे। राजधानी भोपाल के गुफा मंदिर परिसर में परशुराम जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि संस्कृत और हिंदू धर्म से जुड़े अन्य पहलुओं का अध्ययन करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति भी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ने पर राज्य में संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम की जन्मस्थली माने जाने वाले इंदौर के निकट जानापाव में 'श्री परशुराम लोक' (Shri Parshuram Lok) बनाया जाएगा, जबकि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए गुफा मंदिर के परिसर में एक भवन का निर्माण किया जाएगा।
इंदौर से लगभग 45 किलोमीटर दूर जानापाव का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि भक्तों के लिए एक धर्मशाला, उद्यान और अन्य सुविधाओं के विकास के लिए 10 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।