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अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद एप में जोड़े विकल्प, एक ही क्लिक पर सामने होंगे शूटर और सुपारी किलर

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लखनऊ
 
सुपारी किलर और उनके शूटर एक क्लिक पर पुलिस के सामने होंगे। माफिया अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड के बाद आगरा जोन में ऑपरेशन पहचान एप में बदलाव की तैयारी है। पुलिस के पास दस साल के हत्यारोपियों का डाटा है मगर उसमें यह स्पष्ट नहीं है कि इनमें कौन शार्प शूटर है। कौन सुपारी लेने वाला है। अतीक और अशरफ की हत्या कैमरे के सामने हुए। नई उम्र के तीन शूटरों ने पुलिस की मौजूदगी में दोनों को पलभर में ढेर कर दिया। हत्या की पहले भी कई वारदातें हुई हैं। खौफ के चलते गवाह मुकर गए। डिजिटल साक्ष्य भी धरे रह गए। अतीक-अशरफ की हत्या में शामिल एक शूटर अरुण आगरा जोन के कासगंज जिले का निवासी है। अरुण जैसे कई और शूटर आगरा जोन में मौजूद हैं। आगरा जोन में ऐसे भी बदमाश हैं जो सिर्फ सुपारी लेते हैं।

किलर में सबसे बड़ा नाम ओपी-लाला का
सुपारी किलर के रूप में सबसे बड़ा नाम पूर्व में ओपी-लाला गैंग का था। छोटे भाई लाला के एनकाउंटर के बाद भी ओपी के इशारे पर कई सनसनीखेज हत्याकांड हुए। वह सुपारी लेकर शूटर भेजता था। जिला जेल में बंद हरेंद्र राणा भले ही भिंड, मध्य प्रदेश का निवासी है मगर उसका गैंग आगरा और आस-पास के जिलों में कई वारदातें कर चुका है।
 

एप में दो विकल्प और बढ़ाए जा रहे
एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने बताया कि ऑपरेशन पहचान एप में पिछले दस साल में हुए हत्याकांड के आरोपित एक क्लिक पर सामने आ जाते हैं। इसी एप में सुपारी किलर और शार्प शूटर के दो विकल्प और बढ़ाए जा रहे हैं। ताकि एक क्लिक पर सुपारी लेने वाले और शार्प शूटर पुलिस के सामने हों। सुपारी किलर और शार्प शूटर जेल में बंद होंगे तो उनकी मिलाई पर भी नजर रखने की जरूरत है। ताकि वे जेल के अंदर से ही कोई गुल नहीं खिला पाएं। पेशेवर बदमाश सुपारी लेने के बाद किसी न किसी पुराने मामले में हत्या से पहले खुद जेल चले जाते हैं।

भाड़े पर हुईं हत्याएं
– वर्ष 2009 में शाहगंज बाजार में कपड़ा व्यापारी शैल कुंद्रा को फिरोजाबाद के शूटरों ने मौत के घाट उतारा। पुलिस ने उस समय यह खुलासा किया था ओपी ने सुपारी ली थी। हालांकि कोर्ट में सभी आरोपित बरी हो गए।
– 28 नवंबर 2014 को राजामंडी बाजार में अध्यक्ष हेमनदास जैसवानी के बेटे राजू की हत्या हुई थी। शूटर भेजे गए थे। हेमनदास के हत्यारोपी ने गवाही से पहले बेटे की हत्या कराई थी।
– 1 अक्तूबर 2012 को श्रीधाम एक्सप्रेस में शम्मी कोहली के हत्यारोपी मोहित भारद्वाज की हत्या हुई थी। पुलिस ने इस हत्याकांड को भी भाड़े पर हत्या का बताया था।
– 16 फरवरी 2014 को मुस्तफा क्वार्टर में टीटू यादव और रिंकू यादव को गोलियों से भूना गया था। हरेंद्र राणा गैंग के शूटरों ने हत्या की थी।
– 20 मार्च 2017 में कमला नगर में ली पॉयल के मालिक रामकुमार अग्रवाल की हत्या हुई थी। पुलिस ने सगे भाई सोनू किंग को मुख्य साजिशकर्ता बताया था। भाड़े पर हत्या कराई गई थी। कोर्ट से आरोपित बरी हो गए।