नई दिल्ली
माफिया डॉन अतीक अहमद भले ही मार दिया गया हो, भले ही उसकी 1169 करोड़ की संपत्ति जब्त या नष्ट कर दी गई हो लेकिन उसकी कहानी का अभी अंत नहीं हुआ है. अब भी उससे जुड़े कई ऐसे पहलू हैं, जिनपर से पर्दा उठना बाकी है. इसी पहलू में एक है अतीक अहमद का हरिणाया कनेक्शन.
यूपी अतीक अहमद का पावर सेंटर था, इसीलिए हत्या-अपहरण से लेकर रंगदारी-वसूली-फिरौती जैसे जघन्य अपराध वह यहां आसानी से कर लेता था लेकिन अपनी काली कमाई का पैसा वह हरियाणा में खपाता था. इससे वह उस पैसे को वाइट कर पाता था और पैसे से पैसा बनाता था. यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ की कार्रवाई ने उसे पूरी तरह से तोड़ दिया था, लेकिन वह किसी तरह हरियाणा के अपने इस बैकअप प्लान को कुछ दिन तक छुपाने में सफल हो गया लेकिन अब उसके इस प्लान के बारे में पुलिस को पूरी सूचना मिल चुकी है.
सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने अतीक के हरियाणा में बने इन 'मनी जनरेटर' ठिकानों की लिस्ट तैयार कर ली है. उम्मीद जताई जा रही है कि हरियाणा सरकार की मदद से जल्द ही इन पर भी कार्रवाई शुरू की जाएगी. हरियाणा के CM मनोहर लाल खट्टर ने भी कह दिया है कि अगर उन्हें हरियाणा में अतीक के ठिकानों के बारे में जानकारी दी जाएगी तो वह कार्रवाई करेंगे.
गुरुग्राम में अपना पैसा खपाता था अतीक
काली कमाई को वाइट करने का सबसे आसान रास्ता है रियल एस्टेट के कारोबार में पैसा लगाना. अतीक अहमद ने भी यही किया. अतीक की 'पार्टनर इन क्राइम' उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन है. वह अतीक के गुनाहों की राजदार है. हरियाणा में अतीक के इन इन्वेस्टमेंट और कारोबार की हर जानकारी उसके पास है या ये कहें कि हरियाणा में शाइस्ता ही उसका काम संभाल रही थी. अतीक ने देश की सबसे हाइटेक सिटी में शुमार गुरुग्राम में अपना कारोबार फैलाया हुआ है. यहां अतीक की कई रियल एस्टेट कंपनियां अब भी चल रही हैं.
इन कंपनियों के नाम आ रहे सामने
- – फना एसोसिएटेड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी: यह कंपनी अतीक के नाम पर ही थी.
- – मेसर्स जाफरी स्टेट लिमिटेड: यह कंपनी अतीक की पत्नी शाइस्ता के नाम पर है.
- – एमजे इंफ्रा हाउसिंग, एमजे इंफ्रा लैंड एलएलपी, एमजे इंफ्रा हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड, एमजे इंफ्रा ग्रीन प्राइवेट लिमिटेड: ये कंपनियां अतीक के साले फारुख व जकी के नाम पर है.
अतीक अहमद इन छह कंपनियों में अपना पैसा लगाता था. अब पता लगाया जा सकता है कि इन कंपनियों के कहां-कहां प्रोजेक्ट चल रहे हैं/थे. इनमें लगाया गया पैसा कहा से आया, किसने पैसा लगाया. इसके अलावा अतीक अहमद के टेरर एंगल पर भी जांच कर रही पुलिस कंपनी के देश से बाहर पैसा भेजने के एंगल पर भी पड़ताल कर सकती है. इसके अलावा देश में इन कंपनियों का पैसा रियल एस्टेट के प्रोजेक्ट के अलावा और कहां-कहां लगाया गया, इसकी भी तफ्तीश की जा सकती है.
यूपी में अभी और हो सकती है कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अतीक और उसके परिवार ने प्रयागराज के बीरमपुर में अलीना सिटी, बख्शी मोढ़ा, दामूपुर में अहमद सिटी और सैदपुर बख्शी गांव में असाद सिटी, सैदपुर आवासीय योजना, सैदपुर आवासीय योजना करेंहदा, लखनपुर आवासीय योजना और साईं विहार आवासीय योजना नाम के प्रोजेक्ट लॉन्च किए थे. जिला प्रशासन इन पर भी कार्रवाई कर सकती है.
1169 करोड़ की संपत्ति पर चल चुका है बुलडोजर
अतीक अहमद ने साल 2019 में वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ने के लिए आयोग में जो हलफनामा दाखिल किया था. उसके मुताबिक माफिया डॉन के पास कुल 25 करोड़ रुपये की ही संपत्ति थी लेकिन असल में उसके पास इस दावे से 47 गुना ज्यादा संपत्ति थी. इस बात का खुलाया खुद प्रशासन ने किया था. अपने इस दावे में प्रशासन ने बताया था कि अतीक अहमद की करीब 1169 करोड़ रुपये की संपत्ति पर या तो बुलडोजर चल गया है या फिर उसे जब्त कर लिया गया है. इसमें से 417 करोड़ की संपत्ति को प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया है और करीब 752 करोड़ की संपत्ति पर बुलडोजर चलाया गया है.
ईडी ने अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर से पहले अतीक और उसके करीबियों के ठिकानों पर छापे मारे थे. ईडी को तब 15 ठिकानों से 100 से ज्यादा अवैध और बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे. इस दौरान ये खुलासा भी हुआ था कि उसने लखनऊ और प्रयागराज के पॉश इलाकों में कई संपत्तियां खरीदी हैं. ये संपत्तियां या तो अतीक के नाम पर हैं या उसके परिवारवालों के नाम पर हैं.
इसी दौरान ED को अतीक के नाम दर्ज लखनऊ में 47 लाख रुपये की कीमत के 5900 Sqmt में बने मकान के सबूत भी मिले. अतीक अहमद ने साल 2013 में लखनऊ के गोमतीनगर का प्लॉट सिर्फ 29 लाख रुपये में लिखवा लिया था, जबकि सर्किल रेट के आधार पर इसकी कीमत 47 लाख रुपये थी.
15 अप्रैल को अतीक-अशरफ की कर दी गई थी हत्या
अतीक अहमद और अशरफ की 15 अप्रैल को प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल में पुलिस कस्टडी में गोल मारकर हत्या कर दी गई थी. मीडिया पर्सन बनकर आए तीन हमलावरों ने 18 सेकंड में 18 राउंड फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी थी. हालांकि हत्या के बाद तीनों ने तुरंत सरेंडर भी कर दिया था. इन हमलावरों में एक लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है, जबकि अरुण मौर्य कासगंज का निवासी है. वहीं तीसरा आरोपी सनी हमीरपुर का रहने वाला है.