Home मध्यप्रदेश परम सदगुरू संत षण्मुखानंद महाराज के करकमलों से संपन्न हुई दिव्यपूजन-रूद्राभिषेक

परम सदगुरू संत षण्मुखानंद महाराज के करकमलों से संपन्न हुई दिव्यपूजन-रूद्राभिषेक

10

चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग के आमंत्रण पर अशोका गार्डन दुर्गा धाम मंदिर पर उमड़ा जन-सैलाब
दिव्य पूजन-रूद्राभिषेक के उपलक्ष्य में विशाल भंडारे में श्रद्धालु हुए शामिल

भोपाल

मंगलवार को पराम्बा माँ राजराजेश्वरी एवं माँ नर्मदा के अन्नय साधक परम सद्गुरू संत षण्मुखानंद महाराज (हीरापुर वाले) के करकमलों से माँ राजराजेश्वरी का दिव्य-पूजन और रूद्राभिषेक सम्पन्न हुआ। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के आमंत्रण पर नरेला विधानसभा सहित विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु अशोका गार्डन स्थित दुर्गाधाम मंदिर अशोक विहार संत के दर्शन करने पहुँचे। पूजन के बाद मंदिर प्रांगण में ही विशाल भंडारा किया गया। भोपाल महापौर श्रीमती मालती राय, जन-प्रतिनिधि, गणमान्य जन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

माँ राजराजेश्वरी और माँ नर्मदा के अन्नय साधक हैं संत षण्मुखानंद जी महाराज

मंत्री सारंग ने बताया कि दिव्य-पूजन और रूद्राभिषेक अवसर पर परमपूज्य संत षण्मुखानंद महाराज का आशीष प्राप्त करने नरेला विधानसभा सहित अन्य क्षेत्रों से भी श्रद्धालुओं ने कार्यक्रम में भाग लिया। उल्लेखनीय है कि संत षण्मुखानंद जी महाराज पिछले 44 वर्षों से नर्मदा तटों पर साधना कर रहे हैं। संत जी ने नर्मदा तट पर 16 वर्ष से दुग्ध आहारी रहते हुए माँ राजराजेश्वरी की साधना की। वहीं 7 वर्ष माँ नर्मदा की धारा में नाव में रह कर उपासना की है। साथ ही गुरूजी ने नर्मदा जी की दो बार नंगे पैर पैदल परिक्रमा कर माँ नर्मदा के संरक्षण का संदेश जन-मानस में प्रसारित किया है।

संत षण्मुखानंद जी महाराज के करकमलों से संपन्न हुआ दिव्यपूजन

संत षण्मुखानंद जी महाराज (हीरापुर वाले गुरूजी) के करकमलों से विधि-विधान के साथ त्रिपुरसुंदरी माँ राजराजेश्वरी देवी का दिव्य-पूजन किया गया। सुबह से शाम तक श्रद्धालु भक्तजनों के जयघोष से अशोका गार्डन स्थित दुर्गा धाम मंदिर में भक्तिरस की अविरल धारा प्रवाहित हुई। दिव्य-पूजन-रूद्राभिषेक के अवसर पर मंदिर को आकर्षक तरीके से सजाया गया था। दिव्य-पूजन के बाद रूद्राभिषेक किया गया, वैदिक पंडितों द्वारा किए जा रहे मंत्रों से पूरा इलाका गुंजायमान हुआ। इस दौरान श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चन कर मातारानी के दर्शन किये और विशाल भंडारे में शामिल होकर प्रसादी का आनंद लिया।