नई दिल्ली मुंबई
क्या शरद पवार को महाराष्ट्र की सियासत में उद्धव ठाकरे जैसा झटका लगेगा और पार्टी में बड़ी बगावत हो जाएगी? बीते कुछ दिनों से महाराष्ट्र में यह चर्चा जोरों पर है। खबर है कि विधानसभा में नेता विपक्ष अजित पवार ने पिछले दिनों दिल्ली आकर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। यही नहीं सूत्रों का कहना है कि रविवार को अमित शाह जब मुंबई पहुंचे तो भाजपा नेताओं के साथ उन्होंने मीटिंग की। इस बैठक में चर्चा हुई कि क्या एनसीपी के एक धड़े को भाजपा में लिया जा सकता है। दरअसल अमित शाह महाराष्ट्र भूषण सम्मान देने के लिए पहुंचे थे। कार्यक्रम भले ही रविवार को था, लेकिन वह शनिवार की शाम को ही यहां आ गए थे।
अजित पवार की अमित शाह से मुलाकात की खबर और कई नेताओं के बयानों ने बड़े बदलाव की चर्चाएं तेज कर दी हैं। कहा जा रहा है कि शनिवार रात को ही अमित शाह ने भाजपा के कई नेताओं से मीटिंग की और उन्हें एनसीपी के मामले में भरोसे में लिया। संजय राउत ने भी दावा किया था कि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने माना है कि उनकी पार्टी के कुछ लोगों पर दबाव है कि वे पाला बदल लें। अब तो बात इससे आगे बढ़ गई है। कहा जा रहा है कि भाजपा में अब इस बात पर मंथन हो रहा है कि एनसीपी के धड़े को सत्ता में किस तरह से भागीदारी दी जाएगी।
महाराष्ट्र में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं और यदि एनसीपी में फूट होती है तो भाजपा को सीधे तौर पर 2024 में फायदा मिलेगा। शिवसेना पहले ही तितर-बितर हो चुकी है। कांग्रेस का कुछ खास वजूद कांग्रेस में नहीं है और महाविकास अघाड़ी में तीसरे नंबर की पार्टी रही है। ऐसे में एनसीपी में भी विभाजन होने पर भाजपा को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है। एनसीपी में शरद पवार अब बुजुर्ग हो चले हैं, जबकि उनकी बेटी सुप्रिया सुले कभी जननेता नहीं रहीं। वहीं अजित पवार एनसीपी के संगठन को संभाल चुके हैं और पूरे प्रदेश में पकड़ रखते हैं। इसलिए उनकी बगावत एनसीपी के लिए सदमे जैसी होगी तो वहीं भाजपा को बड़ा फायदा मिलेगा।