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शराब घोटाला मामला : ‘लापता’ फाइल कहां, आबकारी नीति कब और क्यों शुरू की गई? CBI ने केजरीवाल से पूछे ऐसे 56 सवाल

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नई दिल्ली
शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से रविवार को करीब 9 घंटे से अधिक समय तक सवाल-जवाब किए। सीबीआई अफसरों ने केजरीवाल से आबकारी नीति मामले में करीब 56 सवाल पूछे, जिसमें यह भी शामिल था कि नीति कब और क्यों शुरू की गई थी? सीबीआई के पास सवालों की लंबी लिस्ट थी, लेकिन केजरीवाल भी अपनी पूरी तैयारी करके गए थे। केजरीवाल ने दावा किया कि शराब घोटाले के आरोप झूठे हैं और सीबीआई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर काम कर रही है। सीबीआई की पूछताछ के बाद घर लौटकर केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई ने उनसे सब कुछ पूछा। मसलन, शराब नीति कहां से शुरू हुई, कैसे शुरू हुई और वहां से लेकर पूरा अंत तक सभी सवाल पूछे। साल 2020 से लेकर अभी तक जो कुछ भी हुआ है, उस सब के ऊपर लगभग 56 सवाल पूछे गए। केजरीवाल ने कहा कि शराब घोटाला पूरी तरह से फर्जी और गंदी राजनीति से प्रेरित है। सीबीआई के पास कोई सबूत नहीं है। इस दौरान, दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सीबीआई अधिकारियों को उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, ''उन्होंने मुझसे दोस्ताना और सौहार्दपूर्ण तरीके से सवाल पूछे। मैंने उनके द्वारा पूछे गए सभी सवालों का जवाब दिया।''

'वो हमें बदनाम कर आम आदमी पार्टी को रोकना चाहते हैं'
'आप' सुप्रीमो ने कहा कि आम आदमी पार्टी कट्टर ईमानदार पार्टी है। हम मर-मिट जाएंगे, लेकिन अपनी ईमानदारी से समझौता नहीं करेंगे। दिल्ली में जो अच्छा काम  हो रहा है और जो अब पंजाब में भी होने लगा है, भाजपा कभी उसकी बराबरी नहीं कर सकती। वो गुजरात में एक भी स्कूल नहीं बना सके। उन्होंने कहा कि 'आप' बहुत तेजी से पूरे देश में फैल रही है। 'आप' जगह-जगह जा रही है और लोगों की उम्मीदों पर खरी उतर  रही है। वे हमें बदनाम करना चाहते हैं ताकि हम खत्म हो जाएं, लेकिन ऐसा नहीं होगा, क्योंकि पूरे देश की जनता हमारे साथ है।

सीबीआई ने 161 में दर्ज किए केजरीवाल के बयान
वहीं, पूछताछ खत्म होने के बाद सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ''दिल्ली के मुख्यमंत्री से 16 अप्रैल 2023 को इस मामले में पूछताछ करने और विभिन्न सवालों के जवाब पाने के लिए सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस जारी किया गया था। वह आज जांच में शामिल हुए और सीआरपीसी की धारा 161 के तहत उनका बयान दर्ज किया गया।'' सीबीआई ने कहा कि केजरीवाल के बयानों की पुष्टि की जाएगी और उपलब्ध साक्ष्यों से मिलान किया जाएगा।

'लापता' फाइल के बारे में भी पूछे सवाल
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने मुख्यमंत्री से नीति निर्माण प्रक्रिया और विशेष रूप से उस फाइल के बारे में पूछताछ की, जिसका 'पता नहीं लग सका' है और जिसे पहले कैबिनेट के समक्ष रखा जाना था। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ समिति की राय और इस पर सार्वजनिक एवं कानूनी राय वाली फाइल को कैबिनेट के समक्ष नहीं रखा गया था और यह अब तक नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल से यह भी सवाल किया गया कि वह मंजूरी से पहले नीति निर्माण में शामिल थे, या नहीं। बता दें कि, सीबीआई ने बीते शुक्रवार को केजरीवाल को नोटिस भेजकर जांच टीम के सामने गवाह के तौर पर पेश होने के लिए कहा था।

आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति में कुछ डीलर का पक्ष लिया गया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी, इस आरोप का 'आप' ने खंडन किया था। बाद में आबकारी नीति को रद्द कर दिया गया था।