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ले चलहु अपन दुवारी यूट्यूब पर रिलीज, डेढ़ घंटे में ही 18 हजार लोगों ने देखा

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रायपुर
पॉपकार्न फिल्म्स प्रोडक्शन के बैनर तले निमार्ता देवनारायण साहू और उत्तरा कुमार साहू फिल्म के लेखक कौस्टन साहू और डायरेक्शन मृत्युंजय सिंह की ले चलहु अपन दुवारी रविवार की दोपहर 2 बजे पॉपकार्न फिल्म्स के यूट्यूब चैनल में रिलीज हुआ और डेढ़ घंटे में लोगों ने इतना प्यार दिया कि 18 हजार लोगों ने इसे देखा लिया। 13 जनवरी 2023 को यह फिल्म छत्तीसगढ़ के अधिकांश सिनेमा घरों में रिलीज हुआ और इसे उस समय भी लोगों ने बहुत प्यार दिया था और यह सुपरहिट फिल्म बनी थी और यह पहली बार होगा कि कोई छत्तीसगढ़ी फिल्म तीन माह के अंदर ही यूट्यूब चैनल पर रिलीज हुआ हो।

फिल्म के डायरेक्शन मृत्युंजय सिंह ने फोन पर बताया कि वे बलरामपुर जिले के रहने वाले है और वर्तमान में अपने कुछ दोस्तों के साथ मायानगरी मुंबई में काम कर रहे है। उनके दोस्तों ने सोचा कि क्योंकि न हम सभी दोस्त मिलकर एक छत्तीसगढ़ी फिल्म का निर्माण करें। बलौदाबाजार के रहने वाले कपिल शर्मा ने फिल्म को लिखा। छत्तीसगढ़ के स्थानीय कलाकारों के साथ ही मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री के कलाकारों ने भी काम किया है। नायक की भूमिका में शील वर्मा एवं नायिका पूजा शर्मा ( मोहनी एल्बम फेम) ने निभाया। इसके साथ ही साहेबदास मानिकपुरी, अक्षय वर्मा, विजय मिश्र, नरेंद्र दावड़ा, सुमित्रा साहू, मनीषा खोब्रागडे ने फिल्म में अहम किरदार निभाया। फिल्म संगीत मोनिका वर्मा, तुषान्त कुमार एवं तुषान्त सोलंकी व सिद्धान्त निराला ने गानों को कर्णप्रिय बनाया है। फिल्म को एडिट किया है संतु ने तो एक्सिक्यूटिव प्रोडक्शन की जिम्मेदारी उठाया अब्दुल वाहिद ने। होली वाले गाने माया के रंग हे को – सिद्धान्त निराला ने गाया जिसे लोगों ने खुब पसंद किया। निराला, पिरित के डोरी – मोनिका वर्मा, मोहनी गाने को मोनिका वर्मा ने स्वर दिया है जो इस फिल्म का सबसे अधिक सुने जाने वाला गाना है। सरगम – मोनिका वर्मा, जहूरिया – मोनिका वर्मा, तोषांत कुमार, छम छम को  तोशांत कुमार ने स्वर दिया।

 इस फिल्म में एक आर्मी आॅफिसर कार्तिक जो 5 साल के लंबे समय के बाद अपने गृहनगर लौटता है। लौटने पर उसे पता चलता है कि उसके गाँव में कुछ भी नहीं बदला है और हर कोई अभी भी दो पड़ोसी गाँव पथरी और धनोरा के बीच विवाद का सामना कर रहा है। वह विवाद का मुख्य कारण पुरानी रूढ़िवादी और रूढ़िवादी मानसिकता को मानते हैं जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी लोगों के दिल और दिमाग में जमी हुई है। इस कहानी को लोगों ने खुब पसंद किया और यह फिल्म सुपरहित हो गई।