Home राज्यों से उत्तर प्रदेश जब कमजोर पड़ा पुलिस का पहरा, पहली नहीं अतीक-अशरफ की हत्या

जब कमजोर पड़ा पुलिस का पहरा, पहली नहीं अतीक-अशरफ की हत्या

32

 प्रयागराज
अतीक और उसके भाई अशरफ की गोलियां बरसाकर शनिवार रात प्रयागराज में हत्या कर दी गई। वेस्ट यूपी में इसी तरह से कई सनसनीखेज और दुस्साहसिक वारदातों को पुलिस अभिरक्षा के दौरान अंजाम दिया गया। कई बार पुलिस कस्टडी में अपराधियों को गोलियों से छलनी कर दिया गया तो कभी मुकदमे के वादी-गवाहों का कत्ल हुआ। कई बार ऐसे हमलों में पुलिस ने गोली भी खाई और वर्दी वालों की शहादत भी हुई। रविंद्र भूरा हत्याकांड, नितिन गंजा और मुन्ना बजरंगी हत्याकांड को दुस्साहसिक तरीके से अंजाम दिया गया।

रविंद्र भूरा हत्याकांड
16 अक्तूबर 2006 को मेरठ कचहरी में रविंद्र भूरा की पेशी थी। इस दौरान एक गिरोह ने हथियारों के साथ रविंद्र भूरा और सुरक्षा में लगी पुलिस टीम पर हमला कर दिया। ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं, जिसमें रविंद्र भूरा और कचहरी में मुलाकात करने आए उसके भतीजे गौरव की मौत हो गई। कांस्टेबल मनोज कुमार भी शहीद हो गए। जवाबी कार्रवाई में एक अपराधी राजेंद्र उर्फ चुरमुट मौके पर ही ढेर हो गया। पुलिस ने अजय मलिक उर्फ जंगू, आजाद, बंटू, अजय जडेजा, चन्द्रपाल, गुलाब उर्फ फौजी और राजेंद्र उर्फ चुरमुट को आरोपी बनाया था।

नितिन गंजा हत्याकांड
बड़ौत थाने के वाजिदपुर गांव निवासी नितिन गंजा की पांच सितंबर 2014 को मेरठ कचहरी परिसर में दिनदहाड़े पुलिस कस्टडी में गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने खुलासा किया नितिन, उधम सिंह गैंग का मैंबर था। करनावल में हुए उधम गैंग के तीन सदस्यों की हत्या में योगेश भदौड़ा मुख्य आरोपी था और नितिन गंजा इसी मुकदमे में गवाह था। नितिन का नाम योगेश के भाई प्रमोद की हत्या में भी सामने आया था। आरोप है कि योगेश भदौड़ा ने ही नितिन की भरी कचहरी हत्या कराई। नितिन हत्याकांड में योगेश भदौड़ा, विश्वास, सुमन पत्नी योगेश, नितिन, राकेश, विनय पुत्र सत्यपाल, सरला पत्नी सत्यपाल, जयप्रकाश के अलावा अन्य अज्ञात में दर्ज थे। पुलिस ने अक्षय मलिक का नाम भी बढ़ाया था।

मुन्ना बजरंगी हत्याकांड
9 जुलाई 2018 को बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मुन्ना बजरंगी को बसपा के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में पेश किया जाना था। 8 जुलाई 2018 को मुन्ना को झांसी जेल से बागपत लाया गया और देर होने के कारण बागपत जेल में रुकवाया गया। यहीं पर मुन्ना बजरंगी की 9 जुलाई को हत्या कर दी गई। वारदात को सुनील राठी ने अंजाम दिया और 12 गोलियां मारीं।

मुन्ना बजरंगी पर 40 से ज्यादा संगीन अपराध के केस थे। मुन्ना बजरंगा उर्फ प्रेमप्रकाश सिंह ने 29 नवंबर 2005 को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की दिनदहाड़े हत्या कर दी थी। सुनील राठी ने खुलासा किया कि उसने मुन्ना बजरंगी से कहासुनी के बाद हत्या की थी। सुनील राठी और उसके साथियों पर मुकदमा दर्ज किया गया। बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जस्टिस सुधीर अग्रवाल व जस्टिस राजीव मिश्रा की डिवीजन बेंच ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। बजरंगी की हत्या का आरोपी सुनील राठी तिहाड़ जेल में है।

विक्की त्यागी हत्याकांड
कुख्यात विक्की त्यागी की 16 फरवरी 2015 में कोर्ट परिसर मे गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। हत्यारोपित सागर मलिक ने मौके पर ही सरेंडर कर दिया। विक्की त्यागी हत्याकांड में उसकी मां सुप्रभा देवी ने तीन पुलिसकर्मियों समेत 11 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। यह भी बात सामने आई थी कि वेस्ट यूपी में जरायम की दुनिया में वर्चस्व के लिए डॉन ने ही विक्की त्यागी की हत्या कराई थी। इसके लिए सौरभ बहावड़ी और सागर मलिक को हायर किया गया था। विक्की त्यागी की हत्या के बाद गैंग की कमान उसकी पत्नी मीनू त्यागी ने संभाल ली थी।

गांगनौली में गवाहों की हत्या
बागपत के गांगनौली गांव में 13 नवंबर 2013 को सनसनीखेज वारदात अंजाम दी गई। एक-एक लाख के इनामी अपराधियों प्रमोद और सद्दाम ने रंजिश के चलते रामवीर और उसकी पत्नी सरोज की पुलिस अभिरक्षा में हत्या कर दी। एके-47 का इस्तेमाल किया गया। इस मामले में बाद में प्रमोद का एनकाउंटर हुआ था।

एके-47 से हुआ था पुलिस टीम पर हमला
9 अक्टूबर 2014 को मुजफ्फरनगर में बुलंदशहर पुलिस के वज्र वाहन पर एके-47 से हमला किया गया। मुजफ्फरनगर के छपार निवासी कुख्यात अपराधी रोबिन को पुलिस टीम मुजफ्फरनगर कोर्ट में पेशी के बाद बुलंदशहर जेल लेकर जा रही थी। इसी दौरान नरा-पुल पर दो गाड़ियों में सवार होकर आए बदमाशों ने हमला किया। सिपाही नरेंद्र सिंह शहीद हुए और दरोगा उधम सिंह, सिपाही प्रदीप, गजेंद्र और रोबिन गोली लगने से घायल हो गए।