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बेटे के जनाजे में बाप नहीं, बाप को दफनाने में बेटे नहीं, गवाह के मर्डर से बर्बाद हो गई अतीक फैमिली

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लखनऊ
अतीक अहमद की प्रयागराज ही नहीं पूरे उत्‍तर प्रदेश में ऐसी हनक थी कि पुलिसवाले भी उसके सामने पड़ने से डरते थे लेकिन आज ऐसा वक्‍त आया है कि वह तो मिट्टी में मिल ही गया पूरी की पूरी फैमिली भी बर्बाद हो गई। दो दिन पहले झांसी में अतीक अहमद के बेटे असद को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। असद को कल प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्‍तान में दफनाया गया। उस वक्‍त महज पांच किलोमीटर की दूरी पर रहते हुए भी अतीक अहमद आखिरी बार बेटे को चेहरा नहीं देख सका।

इसे संयोग ही कहेंगे कि बेटे के दफन किए जाने के चंद घंटे बाद ही अतीक और उसके भाई अशरफ का भी खात्‍मा हो गया और अब नौबत ये है कि इन दोनों भाइयों के जनाजे में भी परिवार का कोई सदस्‍य मौजूद रह पाएगा ऐसा नहीं लग रहा। कुल मिलाकर यदि कहा जाए कि 24 फरवरी 2023 को गवाह उमेश पाल की हत्‍या से अतीक की पूरी फैमिली पूरी तरह बर्बाद हो गई है। 44 साल से कायम उसका आतंक राज मिट्टी में मिल गया है।

अतीक और अशरफ को रविवार को ही कसारी मसारी कब्रिस्‍तान में बेटे असद और मां-पिता की कब्रों के पास ही दफन किया जाएगा। कब्रिस्‍तान में दोनों की कब्रें तैयार की जा रही हैं। डॉक्‍टरों का पैनल अतीक और अशरफ का पोस्टमार्टम कर रहा है लेकिन अतीक के दो बड़े अली और उमर जेल में हैं तो दो नाबालिग बेटे बाल संरक्षण गृह में। रविवार की छुट्टी का दिन होने के नाते आज किसी को पिता-चाचा के जनाजे में शामिल रहने की इजाजत शायद ही मिल सके।

वहीं अतीक की पत्‍नी शाइस्‍ता भी उसके आखिरी बार उसका चेहरा नहीं देख सकेगी क्‍योंकि वह खुद फरार चल रही है। शाइस्‍ता पर उमेश पाल हत्‍याकांड की साजिश रचने का आरोप है। उस पर 50 हजार रुपए का इनाम रखा गया है। शुक्रवार को ऐसा माना जा रहा था कि शाइस्‍ता, अपने बेटे असद के जनाजे में शामिल हो सकती है लेकिन शाइस्‍ता नहीं आई। अब कहा जा रहा है कि शाइस्‍ता शायद पुलिस के सामने आत्‍मसमर्पण कर सकती है लेकिन जब तक ऐसा हो न जाए नहीं कहा जा सकता कि वह भी आखिरी बार अतीक-अशरफ का मुंह देख पाएगी या नहीं।

पूरा दिन बेटे के लिए रोता रहा था माफिया
माफिया अतीक अहमद शनिवार की रात मारे जाने से पहले पूरा दिन बेटे असद के लिए रोता रहा था। वह बार-बार कह रहा था कि पुलिस उसे मिट्टी में मिलाकर रगड़ रही थी। अतीक रगड़ा जा रहा था। शनिवार सुबह अतीक के बेटे असद को दफन किया गया। कब्रगाह से महज पांच किलोमीटर दूर अतीक धूमनगंज थाने के लॉकअप में बैठा रोता रहा। तभी एनआईए की टीम पहुंच गई और अतीक से पाकिस्तान कनेक्शन पर सवाल पूछने लगी। शाम ढलते ही पुलिस ने उसको लेकर असलहा की बरामदगी की। फिर रात में खबर आई कि अतीक और अशरफ मारे गए। देश ने कैमरे के सामने दोनों का अंत देखा। सुबह बेटे के दफन और शाम को अतीक के अंत की इस घटना की चर्चा पूरे देश में हो रही है।