इंदौर
धार विधायक नीना वर्मा के खिलाफ मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में चल रही चुनाव याचिका निरस्त होगी या इसमें सुनवाई जारी रहेगी, सोमवार को इस बात को लेकर कोर्ट में बहस हुई। दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क कोर्ट के सामने रखे।
वर्मा इस चुनाव याचिका को निराधार तथ्यों पर आधारित बताते हुए इसे निरस्त करने की मांग कर रही हैं। वहीं याचिकाकर्ता सुरेश भंडारी का कहना था कि उन्होंने तय प्रविधानों के तहत ही याचिका दायर की है।
अपनी बात के समर्थन में उन्होंने कुछ न्याय दृष्टांत भी प्रस्तुत किए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया।
सुरेशचंद्र भंडारी ने की थी याचिका दायर
हाई कोर्ट में वर्मा के खिलाफ यह चुनाव याचिका धार निवासी सुरेशचंद्र भंडारी ने दायर की है। इसमें कहा है कि वर्मा के खिलाफ इसके पहले भी वर्ष 2013 में हुए निर्वाचन को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर हुई थी।
इस याचिका को स्वीकारते हुए कोर्ट ने वर्मा का निर्वाचन निरस्त कर दिया था और उन्हें आदेश दिया था कि वे याचिकाकर्ता को 10 हजार रुपये वाद व्यय के रूप में भुगतान करें।
वर्मा ने इस आदेश का अब तक पालन नहीं किया है
ऐसे में उनका वर्ष 2023 में हुआ निर्वाचन निरस्त किया जाए। वर्मा की ओर से सोमवार को बहस में बताया गया कि हाई कोर्ट के इस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे है। इस पर याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि वर्मा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत याचिका का निराकरण हो चुका है। जब याचिका ही निराकृत हो गई तो उस याचिका में पूर्व में दिए स्टे का कोई मतलब नहीं रह जाता।