जमशेदपुर.
जमशेदपुर में स्वर्णरेखा नदी तट को अतिक्रमित कर घर बनाने वाले 156 सहित कुल 206 लोगों को राहत मिलने की संभावना नहीं है। इन सभी के खिलाफ झारखंड लोक भूमि अतिक्रमण एक्ट (जेपीएलई) के तहत कार्रवाई जारी रहेगी। संभव है इनके घर भी तोड़े जाएं। सोमवार को रांची स्थित प्रोजेक्ट भवन में मुख्य सचिव एल ख्यांगते के साथ हुई जिला प्रशासन की बैठक में कार्रवाई जारी रखने का निर्णय हुआ है।
जेपीएलई वाद मामले में जो प्रावधान है उसके मुताबिक अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस का जवाब देना है। अगर वे जवाब नहीं देते हैं तो दो और नोटिस जारी होगा। इसके बाद आदेश पारित कर घर तोड़ने की कार्रवाई होगी। यह कार्रवाई जो 156 मामले हैं उनके मामले में होगी। जहां तक रैयती जमीन पर बने घरों का मामला है, इसमें जमशेदपुर अक्षेस और मानगो नगर निगम बिल्डिंग बॉयलॉज के तहत कार्रवाई करेगा। इसके अलावा दलमा इको सेंसेटिव जोन में जो फैक्ट्री या अन्य निर्माण हैं, उनके मामले में वन विभाग नोटिस जारी करेगा। कार्रवाई सभी मामलों में की जानी है। जो जमीन के कागजात पेश करेगा, उसके मामले में आगे सुनवाई होगी। सरकारी भूमि पर जो 156 नोटिस हुए हैं इनमें से 140 घर जमशेदपुर अंचल क्षेत्र के भुइयांडीह क्षेत्र में हैं। मानगो अंचल में 16 घर ही हैं। इनमें से मानगो नगर निगम के पुराने वार्ड आठ में तीन और वार्ड 10 में 13 निर्माण शामिल हैं। इसके अलावा दलमा के इको सेंसेटिव जोन में हुए निर्माण भी कार्रवाई के दायरे में हैं।
एनजीटी के नोटिस के कारण हो रही कार्रवाई
जिला प्रशासन के नाक के नीचे तमाम अवैध निर्माण होते रहे, पर कभी कार्रवाई नहीं हुई। परंतु यह कार्रवाई एनजीटी के कोलकाता बेंच के संज्ञान लेने की वजह से करनी पड़ रही है। जिला प्रशासन इसमें पक्ष है और उसे जवाब देना है। एनजीटी की गाइडलाइन के अनुरूप दलमा वन्य आश्रयणी क्षेत्र और नदी किनारे हुए अतिक्रमण की जांच में 206 निर्माण ऐसे पाए गए हैं, जिनमें 62 भवनों का निर्माण नदी तट के 10 मीटर, जबकि 134 का निर्माण नदी तट के 10-15 मीटर के बीच है। यह निर्माण गाइडलाइन का उल्लंघन है।