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चाचा की वजह से ही असद की गई जान! पुलिस के सामने अशरफ अहमद ने उगले राज

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प्रयागराज
उमेश पाल हत्या कांड में अतीक अहमद के साथ उसका भाई अशरफ भी आरोपी है. पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछली बार जब अशरफ बरेली से प्रयागराज आया था. उसने तीन शूटरों के बारे में बता देने का वादा किया था. तब उसे उमेश पाल के अपहरण के केस में सजा सुनाए जाने के लिए पेशी पर लाया गया था.

अशरफ ने प्रयागराज की जेल में भी इस वादे को दुहराया. लेकिन फिर बरेली जाते ही अशरफ अपने वादे से मुकर गया. अधिकारियों को जब पता चला तो उन्होंने अशरफ से मिलने और बात करने वालों की कुंडली खंगालना शुरू कर दी. इसी सिलसिले में एसटीएफ को सतीश पांडे का पता चल गया.

गुड्डू मुस्लिम झांसी में सतीश पांडे के यहां छिपा

अशरफ के कहने पर ही गुडडू मुस्लिम झांसी में सतीश पांडे के घर छिपने गया था. खनन के ठेकेदार सतीश को अशरफ ठेके लेने में मदद किया करता था. एसटीएफ जब तक सतीश के घर पहुंची, गुडडू मुस्लिम वहां से निकल चुका था. बाद में माफिया अतीक का बेटा असद और उसका गुर्गा गुलाम मोहम्मद भी इसी जगह पर आए.

इन दोनों की प्लानिंग माफिया अतीक अहमद को छुड़ाने की थी. पहले से घात लगाए एसटीएफ ने असद अहमद और गुलाम को एनकाउंटर में मार गिराया.

अशरफ ने कहा- वह किसी गुलाम को नहीं जानता

अशरफ ने पूछताछ में इस बात से इंकार किया है कि उमेश पाल की हत्या में उसका कोई हाथ है. वो तो जेल में बंद है तो फिर कैसे साजिश रच सकता है. उससे पूछा गया कि 11 फरवरी को असद अहमद और शूटर गुलाम उससे जेल में क्यों मिलने गए थे. इस पर अशरफ ने कहा वो किसी गुलाम को नहीं जानता है. असद उसका भतीजा है इसीलिए वो कई बर मिलने आया करता था. उससे ये भी पूछा गया कि वारदात के बाद उसने अपने बहनोई अखलाक को फोन क्यों किया था? उसने कहा ये गलत है. मैंने कोई फोन नहीं किया है.