रूस
पीएम मोदी की रूस यात्रा वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बनी हुई है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के रूस दौरे पर पूछे गए सवाल पर कहा कि हमनें भारत सहित सभी देशों से कहा था कि अगर वह रूस से बात करते हैं तो यह बात स्पष्ट तौर पर रखें कि यूक्रेन में संघर्ष के समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर और यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना होगा। अब भारत की तरफ से इसका जबाव दिया गया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार भारत की तरफ से कहा गया है कि भारत ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सहित संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करने का आह्वान किया है और इस बात पर जोर दिया है कि समाधान युद्ध के मैदान पर नहीं पाया जा सकता है।
युक्रेन के मुद्दे पर भारत ने रूस से दोहराई पुरानी बात
पीएम मोदी लगभग 5 वर्षों के बाद रूस की अपनी पहली यात्रा पर गए हुए हैं। कल उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन के घर पर अनौपचारिक रूप से डिनर में हिस्सा लिया, जिसमें दोनों नेताओं के बीच में बेहतर बातचीत हुई, जो लगभग दो घंटे तक चल। सूत्रों के मुताबिक यूक्रेन संघर्ष को लेकर भी दोनों नेताओं ने बात की। भारत ने हमेशा ही क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता सहित संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करने के लिए कहा है। युद्ध के मैदान पर कोई भी समाधान नहीं है। संवाद और कूटनीति के अनुसार ही आगे बढ़ने का रास्ता है।
हमेशा डिप्लोमैटिक समाधान के पक्ष में रहा है भारत
सूत्रों के अनुसार भारतीय पक्ष ने सोमवार को यह स्पष्ट कर दिया था कि मोदी की यात्रा का ध्यान आर्थिक एजेंडे पर होगा जिसमें ऊर्जा, उर्वरक, व्यापार और इन्फ्रास्ट्क्चर निर्माण में द्विपक्षीय सहयोग शामिल होगा। यूक्रेन संघर्ष को लेकर भारतीय पक्ष इस बात पर जोर देगा कि युद्ध के मैदान पर समाधान नहीं खोजा जा सकता है। पीएम मोदी ने आखिरी बार सितंबर 2022 में SCO की बैठक के दौरान कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है, भारत हमेशा से ही इस संघर्ष के डिप्लोमैटिक समाधान के पक्ष में रहा है।