नई दिल्ली
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने SGB 2017-18 सीरीज III में निवेश करने वाले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) के निवेशकों को समय से पहले निकासी के लिए प्राइस तय कर दी है. इस बॉन्ड का मैच्योरिटी पीरियड आठ साल है. लेकिन निवेशक प्रीमैच्योर निकासी कर सकते हैं. इसके लिए तय तारीख 15 अप्रैल 2023 है. सोने की बढ़ती कीमतों ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वालों को जोरदार मुनाफा कराया है. गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत समय से पहले निकासी की अनुमति इसे जारी करने की तारीख से पांच साल बाद मिलती है.
SGB पर जोरदार रिटर्न
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2017-18 स्कीम सीरीज III का इश्यू प्राइस 2964 रुपये प्रति ग्राम था. रिजर्व बैंक ने रिडेम्पशन रेट 6063 रुपये प्रति ग्राम तय किया है, जो कि इश्यू प्राइस से 104 फीसदी अधिक है. अगर निवेशक समय से पहले निकासी का ऑप्शन चुनते हैं, तो उन्हें 104.55 फीसदी का रिटर्न मिलेगा. ये बॉन्ड बांड 16 अक्टूबर, 2017 को जारी किए गए थे.
इंडिया बुलियन एंड जूलर्स एसोसिएशन (IBJA) की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले तीन कारोबारी दिनों के लिए गोल्ड का सामान्य रेट औसत SGB के रिडेम्पशन प्राइस वैल्यू के आधार पर काम करेगा. इसके अनुसार, समय से पहले गोल्ड बॉन्ड से रिडेम्पशन के लिए प्राइस 6063 रुपये होगी.
हाई लेवल पर गोल्ड प्राइस
पिछले कुछ दिनों में सोने की कीमतें (Gold Price) जमकर चमकी हैं. घरेलू मार्केट में सोने की कीमतों ने रिकॉर्ड बना दिया है. दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने की कीमतें 480 रुपये उछलकर 61,780 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर पहुंच गईं. गोल्ड ने इस साल जोरदार रिटर्न दिया है. ये रिटर्न के मामले में इक्विटी और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) समेत कई एसेट क्लास पर भारी पड़ा है.
क्यों बढ़ रही है गोल्ड की कीमत?
गोल्ड हमेशा से ही सबसे सुरक्षित पूंजी माना जाता है. संकट के दौर में इसकी कीमतें तेजी से चढ़ती हैं. मंदी की आशंका, बैंकिंग संकट और शेयर बाजार की अस्थिरता ने इसे एक बार फिर से सबसे अधिक वैल्यूएबल एसेट बना दिया है. जनवरी 2023 से लेकर अब तक सोने की कीमतों में करीब नौ फीसदी की तेजी आई है.
रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से पैदा हुए जियो-पॉलिटिकल तनाव ने ग्लोबल स्तर पर महंगाई दर को बढ़ा दिया था. फिर महंगाई पर काबू पाने के लिए दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों बढ़ाना शुरू कर दिया, जिससे आर्थिक मंदी की आशंका नजर आने लगी और इस संकट की स्थिति में सोने की कीमतें चमक उठीं.
क्या है गोल्ड बॉन्ड?
सरकार ने गोल्ड में निवेश के लिए गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना की शुरुआत की है. इन बॉन्ड्स पर दी जाने वाली ब्याज दर प्रारंभिक निवेश की राशि पर 2.50 प्रतिशत प्रति वर्ष है, जो निवेशक बॉन्ड खरीदने के लिए भुगतान करते हैं. ब्याज की राशि हर छह महीने पर निवेशकों के खाते में पहुंचती है.