पटना
नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने आज बिहार से पहली गिरफ्तारी की है। अपनी इन्वेटीगेशन के दूसरे दिन सीबीआई ने मनीष प्रकाश को गिरफ्तार किया है। इससे पहले उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया था। जिसकी आधिकारिक सूचना मनीष की पत्नी को भी दे दी है। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी कई गिरफ्तारी हो सकती हैं। इससे पहले दो आरोपियों चिंटू और मनीष को सीबीआई ने 7 दिनों की रिमांड पर लिया है। और उनसे भी पूछताछ जारी है।
इससे पहले सीबीआई ने पटना समेत हजारीबाग की कुछ जगहों का भी निरीक्षण किया था। जिसमें खेमनीचक स्थित लर्न्ड एंड प्ले स्कूल एवं इसके ब्यॉज हॉस्टल भी पंहुची थी। जहां पर नीट परीक्षा से एक दिन पहले 35 छात्रों को बैठाकर प्रश्न-पत्र के उत्तर रटवाये गये थे। साथ ही उस गेस्ट हाउस भी पहुंची थी। जहां कनीय अभियंता सिकंदर प्रसाद यादवेंदु ने अपने साले के लड़के अनुराग यादव को ठहराया था।
सीबीआई टीम बुधवार को हजाराबाग की एसबीआई मुख्य ब्रांच में गई थी और बैंक में रखे गए प्रश्नपत्रों के बारे में जानकारी जुटाई थी। बैंक के सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला। बता दें कि नीट के एक दिन पहले चार मई को पटना में प्रश्नपत्र का अधजला बुकलेट बरामद किया था। इसके मिलान के बाद बिहार ईओयू ने इसे हजारीबाग के सेंटर के कोड का पाया था।
नीट पेपर लीक में अबतक क्या-क्या हुआ?
नीट के एक दिन पहले 4 मई की रात प्रश्न-पत्र कुछ व्हाट्सएप ग्रुप पर पहुंचने की सूचना पुलिस को मिली। पटना स्थित खेमनी चक के लर्न्ड प्ले स्कूल एंड ब्यॉज हॉस्टल में अभ्यर्थियों को जमा कर उत्तर रटवाने की जानकारी के आधार पर छापेमारी की गई।इस दौरान 13 संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई और कई दस्तावेज जब्त किए गए। पेपर लीक की पुष्टि हुई। जांच के लिए पटना एसएसपी के नेतृत्व में एसआईटी बनाई गई। तकनीकी सहायता के लिए ईओयू को रखा गया। पटना के शास्त्री नगर थाना में एफआईआर दर्ज की गई, जिसका नंबर 358/2024 है। इसमें 13 को नामजद अभियुक्त बनाया गया। इसमें कनीय अभियंता सिकंदर प्रसाद यादवेंदु समेत अन्य लोग शामिल हैं।
10 मई को इस मामले की जांच ईओयू को सौंप दी गई। एसपी मदन कुमार आनंद के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन कर पूरे मामले की तफ्तीश शुरू की गई।
17 मई से विधिवत ईओयू ने जांच शुरू की। इसके बाद से ईओयू के स्तर से बिहार से लेकर झारखंड में अनेक स्थानों पर लगातार छापेमारी की गई।
22 जून को ईओयू ने 6 आरोपितों को देवघर से गिरफ्तार किया। इसमें अहम सूत्रधार चिंटू कुमार समेत उसके अन्य सहयोगी हैं।
23 जून को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पूरे मामले की तफ्तीश का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया।
25 जून को बिहार ईओयू ने सीबीआई को केस हैंडओवर किया।