पटना
लोकसभा चुनाव में बिहार एनडीए में मिली पांच की पांच सीट जीतने वाली लोजपा-आर के नेता चिराग पासवान को इनाम मिलने का वक्त आ चुका है। रामविलास पासवान के निधन के बाद चाचा पशुपति पारस के धोखे और पार्टी तोड़ देने के कारण पिछली बार मंत्री बनते-बनते रह गए चिराग के कैबिनेट मंत्री बनने की बारी तीसरे संसदीय कार्यकाल में आ गई है। लोजपा-रामविलास के एक नेता ने कहा- "एक पद का भरोसा मिला है। राज्यमंत्री मिल जाए तो वो बोनस होगा।" इसके अलावा एनडीए में शामिल हम के नेता जीतनराम मांझी अकेले सांसद होने के बावजूद सीनियरिटी और महादलित कोटे से कैबिनेट मंत्री बनने की उम्मीद में हैं।
चिराग पासवान ने मंत्रिमंडल को लेकर कुछ नहीं कहा है। चिराग ने कहा था कि मंत्रिमंडल में कौन क्या बनेगा, इसका पूरा फैसला प्रधानमंत्री ही करेंगे। वह बुधवार सुबह अपने पांच सांसदों के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे थे। चिराग ने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह किसी तरह की बार्गेनिंग नहीं करेंगे और एनडीए व नरेंद्र मोदी को बिना शर्त समर्थन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं। उन्होंने गठबंधन के बेहतर प्रदर्शन में काफी अहम भूमिका निभाई है। पासवान की पार्टी ने हाजीपुर, जमुई, समस्तीपुर, खगड़िया और वैशाली सीट पर चुनाव लड़ा था। उसका स्ट्राइक रेट 100 परसेंट रहा है।
जीतनराम मांझी का मन क्या मांगे?
हम के नेता जीतनराम मांझी हैं ने भी पार्टी को मिली एकमात्र सीट गया में जीत दर्ज की है। मांझी अपनी पार्टी के इकलौते सांसद हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे मांझी बिहार में महादलित का सबसे बड़ा चेहरा हैं। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि पार्टी का एक ही सांसद होने के बाद भी मोदी कैबिनेट में मांजी को जगह मिल सकती है। बिहार में अगले साल विधानसभा का चुनाव है जिसे नीतीश कुमार की जेडीयू इसी साल के अंत तक कराने का मन बना रही है।