जयपुर
लोकसभा चुनाव 2024 में राजस्थान का राजनीतिक रण इस बार बेहद रोमांचक रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में आठ जनसभाएं और एक रोड शो किया, लेकिन उनकी गारंटी इस बार रंग नहीं लाई। दस सालों से खाता खोलने को तरस रही कांग्रेस ने इस बार धमाकेदार वापसी करते हुए 8 सीटों पर जीत दर्ज की। बीजेपी के लिए यह चुनाव किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा, क्योंकि अन्य तीन सीटें भी अन्य पार्टियों ने झटक लीं।
मोदी ने उन छह सीटों पर विशेष ध्यान दिया था, जहां बीजेपी ने नए चेहरों को उतारा था। लेकिन चूरू से देवेंद्र झाझड़िया, करौली-धौलपुर से इंदु जाटव, बांसवाड़ा से महेंद्र जीत मालवीय, और दौसा से कन्हैयालाल मीणा चुनाव हार गए। जयपुर ग्रामीण से राव राजेंद्र सिंह ने सिर्फ चार हजार से कुछ अधिक वोटों से जीत हासिल की, जबकि जालौर से लुंबाराम चौधरी चुनाव जीतने में सफल रहे। बाड़मेर से कैलाश चौधरी तीसरे नंबर पर रहे, और टोंक सवाई माधोपुर से सुखबीर सिंह जौनपुरिया भी चुनाव हार गए।
पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ और कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की साख भी इस चुनाव में दांव पर लगी थी, लेकिन वे भी अपने प्रत्याशियों को जीत दिलाने में नाकाम रहे। सीएम भजनलाल शर्मा अपने गृह जिले में बीजेपी प्रत्याशी रामस्वरूप कोली को नहीं जिता सके, और भरतपुर से कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव ने जीत दर्ज की।
इस तरह, राजस्थान में ना तो मोदी की गारंटी चली, ना ही भजनलाल शर्मा का जादू। इस बार आम वोटरों ने ही अपना रंग दिखाया और कांग्रेस को बड़ी जीत दिलाई।