बेंगलुरु
भाजपा ने काफी मंथन के बाद कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। इस लिस्ट में कई मौजूदा विधायकों को भी जगह नहीं दी गई है। उसी में छह बार के विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री जगदी शेट्टार भी शामिल हैं। उन्होंने पार्टीा में बगावत का भी संकेत दे दिया है। उन्होंने पार्टी आलाकमान से कहा है कि उनका टिकट काटने के फैसले पर पुनः विचार किया जाना चाहिए। साथ ही शेट्टार ने पार्टी को चैलेंज कर दिया और कहा कि वह चुनाव जरूर लड़ेंगे, भले ही टिकट मिले या ना मिले।
बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा ने पहले ही चुनावी राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। शेट्टार के बारे में भी यही चर्चा है कि उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा, सर्वे में भी मेरी लोकप्रियता अच्छी थी। मैंने कभी चुनाव नहीं हारा है। मेरा टिकट काटने के पीछे कोई कारण नहीं है। मैंने पार्टी हाई कमांड से कहा है कि मुझे चुनाव लड़ने का मौका दिया जाए।
शेट्टार ने बताया, मुझे पार्टी हाई कमांड की तरफ से फोन आया था। मुझसे कहा गया कि अब नए चेहरों के लिए रास्ता बनाने की जरूरत है। अगर उन्हें टिकट नहीं देना था तो इसकी जानकारी 3-4 महीने पहले ही दे देनी चाहिए थी। हाई कमांड के इस फैसले से मुझे बहुत दुख हुआ है। मैंने पार्टी से टिकट देने के लिए कहा है। मैंने अपने क्षेत्र में प्रचार अभियान भी शुरू कर दिया है।
शेट्टार ने कहा, विधानसभा क्षेत्र में किया गया सर्वे भी प्रमाणित करता है कि यहां भाजपा की जीत निश्चित है। राजनीति में भी मुझपर कभी कोई दाग नहीं लगा। पार्टी के प्रति मैं हमेशा वफादार रहा लेकिन आज यही समस्या बन गई है। पार्टी नेतृत्व को समझ लेना चाहिए कि मैं हर कीमत पर चुनाव लड़ूंगा। बता दें कि शेट्टार हुबली के धारवाड़े से विधायक हैं। वह 6 बार विधायक चुने गए हैं। उन्हें बीएस येदियुरप्पा का करीबी माना जाता है।
2012 में बने थे मुख्यमंत्री
शेट्टार को 2012 में भाजपा ने मुख्यमंत्री बनाया था। उस वक्त पार्टी खनन विवाद में फंसी थी। तभी डीवी सदानंद गौड़ा को हटाकर उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी दी गई। शेट्टार का परिवार जनसंघ से जुड़ा था। इसके बाद उनके परिवार के लोग आरएसएस से जुड़े रहे। उनके भाई प्रदीप शेट्टार एमएलसी हैं।