असम: नगांव से निर्दलीय उम्मीदवार बलात्कार और ब्लैकमेल करने के आरोप में गिरफ्तार
कश्मीर में पर्यटकों का आना सामान्य स्थिति का सही पैमाना नहीं: उमर अब्दुल्ला
गुजरात के कच्छ में 3.4 तीव्रता का भूकंप, कोई हताहत नहीं
नगांव
असम की नगांव लोकसभा सीट के एक निर्दलीय उम्मीदवार को एक महिला के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने और फिर उसे ब्लैकमेल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
नगांव सीट पर 26 अप्रैल को मतदान हुआ था।
अधिकारी ने बताया कि आरोपी अबू शमा को एक दिन पहले गिरफ्तार करने के बाद रविवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पीड़िता ने जुरिया पुलिस थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया कि कुछ महीने पहले जब वह उसकी दुकान पर कुछ दवाएं खरीदने गई थी तो इसी दौरान शमा ने उसके साथ बलात्कार किया था।
महिला ने दावा किया कि आरोपी अबू शमा ने इस कृत्य का कथित तौर पर एक वीडियो भी बनाया था और इसे सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर पैसे वसूले थे। पीड़िता ने दावा किया कि वह पहले ही आरोपी को लगभग पांच लाख रुपये दे चुकी है।
पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि शमा की प्राथमिकी के आधार पर दो पत्रकारों को भी गिरफ्तार किया गया है जिन्होंने कथित तौर पर शमा के खिलाफ खबर नहीं चलाने के लिए उससे पैसे मांगे थे।
अधिकारी ने कहा,‘‘ हम दोनों मामलों की जांच कर रहे हैं।’’
कश्मीर में पर्यटकों का आना सामान्य स्थिति का सही पैमाना नहीं: उमर अब्दुल्ला
श्रीनगर
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि पर्यटन को कश्मीर में सुरक्षा स्थिति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए क्योंकि पर्यटकों का आना सामान्य स्थिति का सही पैमाना नहीं है और इससे पर्यटक निशाना बन सकते हैं।
बडगाम में मतदान केंद्रों का दौरा करने के बाद अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा कि घाटी में स्थिति ‘सामान्य नहीं है’। अब्दुल्ला बारामूला लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां मतदान चल रहा है।
शोपियां और अनंतनाग में शनिवार को हुए दो हमलों का जिक्र करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने कहा, ‘हम कहते रहे हैं कि (कश्मीर में) स्थिति सामान्य नहीं है। आतंकवादियों ने बार-बार साबित किया है कि वे जब चाहें हमला कर सकते हैं। दुर्भाग्य से, एक राजनेता, भाजपा के पूर्व सरपंच की जान चली गई और दो पर्यटक (आतंकवादी हमलों में) घायल हो गए।’
उन्होंने कहा, ‘मैं सरकार से अपील करता हूं कि वह सामान्य स्थिति के बारे में कम बात करे क्योंकि स्थिति सामान्य नहीं है और पर्यटन को सामान्य स्थिति का संकेतक मानने के बारे में भी कम बात करे क्योंकि जब वे सामान्य स्थिति को पर्यटन से जोड़ते हैं, तो वे पर्यटकों को खतरे में डालते हैं।’
शनिवार की रात को कश्मीर में दो जगहों पर आतंकवादियों ने हमला किया। इस हमले में शोपियां के हिरपोरा में पूर्व सरपंच ऐजाज शेख की हत्या कर दी गई और अनंतनाग में राजस्थान से आए पर्यटक दंपत्ति फरहा और उनके पति तबरेज घायल हो गए।
मतदान के बारे में अब्दुल्ला ने कहा कि बारामूला निर्वाचन क्षेत्र के कई इलाकों से रिपोर्ट बहुत अच्छी है। उन्होंने कहा, ‘‘लोग बड़ी संख्या में मतदान कर रहे हैं और हम उनसे यही उम्मीद करते हैं। एक राजनेता के तौर पर, मैं चाहता हूं कि ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान करें और एक उम्मीदवार के रूप में, मैं उम्मीद करता हूं कि वे अधिक से अधिक संख्या में नेशनल कांफ्रेंस और मेरे लिए वोट करें। चार जून को हमें लोगों का फैसला पता चल जाएगा।’’
अब्दुल्ला के अलावा बारामूला से 20 उम्मीदवार मैदान में हैं। अब्दुल्ला को सबसे बड़ी चुनौती अलगाववादी से नेता बने और पूर्व मंत्री सज्जाद लोन से मिल रही है। लोन पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख हैं। बारामूला लोकसभा क्षेत्र में 17.37 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं।
गुजरात के कच्छ में 3.4 तीव्रता का भूकंप, कोई हताहत नहीं
अहमदाबाद,
गुजरात के कच्छ जिले में सोमवार को 3.4 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईएसआर) ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों के मुताबिक, भूकंप के झटकों के कारण जिले में किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की सूचना नहीं है।
गांधीनगर स्थित आईएसआर की रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप पूर्वाह्न 10 बजकर 36 मिनट पर महसूस किया गया, जिसका केंद्र लखपत से 60 किलोमीटर (किमी) उत्तर-उत्तर पश्चिम में 4.1 किमी की गहराई में था।
आईएसआर के आंकड़ों के अनुसार, राज्य के सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में इस महीने अब तक का यह पांचवां भूकंप है जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर तीन से चार आंकी गई।
गुजरात में भूकंप का खतरा बहुत ज्यादा रहता है।
गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जीएसडीएमए) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पिछले 200 वर्षों में यहां नौ बड़े भूकंप आए हैं।
कच्छ में 26 जनवरी 2001 को आया भूकंप भारत में बीते दो दशक में आया दूसरा सर्वाधिक विनाशकारी और तीसरा सबसे बड़ा भूकंप था। कुल 6.9 तीव्रता के इस भूकंप का केंद्र कच्छ के भचाऊ में था और पूरा प्रदेश इससे प्रभावित हुआ था।
जीएसडीएमए के अनुसार, इस भूकंप के कारण करीब 13,800 लोगों की जान चली गई थी और लगभग 1.67 लाख लोग घायल हुए थे।