बलरामपुर.
बलरामपुर रामानुजगंज में खेलते-खेलते 6 वर्षीय बच्चे ने 10 का सिक्का निगल लिया। बच्चा मोबाइल देखने में इतना मगन हो गया कि कब वह सिक्का निगल लिया पता नहीं चला। सिक्का निगलने के चार घंटे बाद जब उसकी मां काम करके घर आई तो बहुत पूछने पर उसने बताया कि 10 का सिक्का निगल लिया है। जिसके बाद उसे स्थानीय अस्पताल में दिखाया गया परंतु डॉक्टर ने उसे रेफर कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार शनिवार के दोपहर 12 बजे के करीब आर्यश कश्यप उम्र 6 वर्ष घर में खेल रहा था इसी दौरान बिस्तर के नीचे उसे 10-10 के दो सिक्के मिले जिसमें से वह एक सिक्का अपने मुंह में रख लिया और मोबाइल देखने में मग्न हो गया मोबाइल देखते-देखते कब सिक्का वह निगल लिया उसे पता नहीं चला पिता भी उसके साथ थे परंतु डर के कारण वह नहीं बताया जब उसकी मां शीला कश्यप काम करके शाम 4 बजे घर में आई तो उसने बोला की मां मैंने ₹10 चुराया है तो बहुत पूछने पर बताया कि वह ₹10 का सिक्का निगल गया था जो गले में अटका है और दर्द कर रहा है। इसके बाद तत्काल उसे अस्पताल ले जाया गया जहां स्थिति देखते हुए डॉक्टरों ने अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया। बच्चों के परिजनों की ऐसी आर्थिक स्थिति नहीं थी कि उसे निजी वाहन से अंबिकापुर ले जा सके जिसके बाद पूर्व पार्षद अजय सोनी ने मानवता का परिचय देते हुए तत्काल चार चक्का वाहन की व्यवस्था की जिससे परिजन अंबिकापुर के लिए रवाना हुए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में 12 बजे रात में पहुंचे जहां डॉक्टरों ने सुबह 9 बजे ऑपरेशन करने की बात कही परंतु 9:35 में बिना ऑपरेशन के डॉक्टर के द्वारा सिक्का निकाल लिया गया। जिससे स्वजनों ने राहत की सांस ली।
मोबाइल देखते देखते कोई भी काम करना खतरनाक
अक्सर बच्चों एवं उनकी मां भी कोई काम करते हुए मोबाइल देख रहे हैं स्थिति यह हो रही है कि खाना बनाते समय भी लगातार मोबाइल देख रहे हैं वहीं बच्चे भी नाश्ता खाना खाते मोबाइल देख रहे हैं। मोबाइल देखते-देखते कई बार खतरनाक स्थिति भी हो जा रही है इसी प्रकार की स्थिति का सामना आर्यश को भी करना पड़ा। ईरा पब्लिक स्कूल की प्राचार्य पी राय ने कहा कि अक्सर देखा जा रहा है कि बच्चे स्कूल से आने के बाद तत्काल मोबाइल हाथ में ले ले रहे हैं यहां तक की नाश्ता करने से लेकर खाने तक में मोबाइल देखकर खाना खा रहे हैं बच्चे खेलते खेलते भी मोबाइल देख रहे हैं इस प्रकार से मोबाइल देखना खतरनाक साबित हो रहा है। श्रीमती राय ने कहा कि बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों को भी मोबाइल चलाने में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। बच्चों के सामने बहुत ज्यादा मोबाइल देखने से बच्चे को आप मोबाइल देखने से नहीं समझा सकते।