Home हेल्थ ट्रैफिक शोर से हृदय रोग, स्ट्रोक और मधुमेह का जोखिम बढ़ता है

ट्रैफिक शोर से हृदय रोग, स्ट्रोक और मधुमेह का जोखिम बढ़ता है

अगर आप कार में ज्यादा सफर करते हैं और अक्सर खिड़की खुली रखते हैं, तो आपको हार्ट अटैक सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है।

दिल के रोगों का खतरा

शोधकर्ताओं ने पाया है कि ट्रैफिक का बढ़ता शोर हृदय संबंधी बीमारियों को बढ़ा सकता है जिसमें दिल का दौरा भी शामिल है।

स्ट्रोक और डायबिटीज का भी जोखिम

शोधकर्ताओं के अध्ययन से पता चला है कि ट्रैफिक के शोर की वजह से न केवल हृदय संबंधी बीमारियां बल्कि स्ट्रोक और डायबिटीज का भी खतरा होता है।

जितना ज्यादा शोर, उतना ज्यादा खतरा

इतना ही नहीं सड़क पर होने वाले शोर में हर 10 डेसिबल की वृद्धि के साथ, हृदय रोग का खतरा 3.2 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। यह अध्ययन सर्कुलेशन रिसर्च पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

रात का शोर सबसे खतरनाक

वैज्ञानिकों का मानना है कि रात में ट्रैफिक का शोर नींद में खलल डालता है और रक्त वाहिकाओं में तनाव पैदा करने वाले हार्मोन के स्तर को बढ़ा देता है, जिससे सूजन और धमनियों की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

ट्रैफिक का शोर कम करने के उपाय

शोधकर्ताओं का मानना है कि घनी आबादी वाले इलाकों में सड़कों के किनारे नॉइज़ बैरियर लगाने से शोर के लेवल को 10 डेसिबल तक कम किया जा सकता है। साथ ही, सड़क निर्माण में कम आवाज पैदा करने वाली डामर का इस्तेमाल करने से भी शोर को 3-6 डेसिबल तक कम किया जा सकता है।