टोरंटो/नई दिल्ली.
कनाडा के टोरंटो में खालसा दिवस मनाया गया, जिसमें काफी संख्या में सिख समुदाय के लोग एकत्र हुए। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने उनको संबोधित करते हुए कहा कि आपके अधिकारों की रक्षा के लिए हम मौजूद हैं। इस बीच उपस्थित लोगों ने खालिस्तान के नारे लगाना शुरू कर दिया। उन्होंने सिख समुदाय को आश्वासन देते हुए कहा कि कनाड़ा विविधता के कारण ही मजबूत है।
टोरंटो में रविवार को खालसा दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें कनाडा पीएम जस्टिन ट्रूडो भी उपस्थित हुए।
उन्होंने सिख समुदाय के अधिकारों के साथ-साथ भारत के साथ समझौता करने आदि के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि कनाड़ा की सबसे बड़ी शक्ति यहां की विविधता है। उन्होंने कहा कि यहां कई मतभेद हैं, लेकिन यही मतभेदों के कारण ही मजबूत भी हैं। देश में सिख समुदाय आठ लाख लोग हैं, जिनके अधिकारों की रक्षा के लिए हम हमेशा मौजूद हैं। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि वे हमेशा सिख समुदाय की नफरत और भेदभाव से उनकी रक्षा करेंगे। उन्होंने सिख समुदाय के लोगों से कहा कि वे बिना डर के अपने धर्म का पालन करें, कनाडाई चार्टर में मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता की गारंटी है, और इसके लिए वे उनके साथ हैं। इसी दौरान मौजूद भीड़ ने खालिस्तान के नारे लगाने शुरू कर दिए।
भारत के साथ समझौते की कोशिश
पीएम ट्रूडो ने कहा कि मुझे पता है कई लोग अपने परिजनों, रिश्तेदारों से मिलना चाहते हैं, लेकिन इसलिए वे भारत सरकार से नए समझौते पर बातचीत करेंगे। जिसमें दोनों देशों के बीच वायुमार्ग को वापस पटरी पर लाया जा सके। अमृतसर सहित अन्य शहरों की उड़ान भर सके।
भारत और कनाडा के संबंध में खटास
भारत और कनाडा के मधुर संबंध उस वक्त से खराब हुए जब कनाडा में हुए एक हमले का जिम्मेदार उसने भारत को ठहराया। 18 जून 2023 को भारत द्वारा नामित आतंकवादी हरदीप सिंह की ब्रिटिश कोलंबिया में मार गिराया था। इसके बाद पीएम टूडो का आरोप था कि इसमें भारत सरकार का हाथ है, हालांकि भारत ने इस आरोप को खारिज कर दिया था। लेकिन इसके बाद से दोनों देशों के संबंध में खटास आ गई थी।