रायपुर
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले मामले में एसीबी और ईओडब्लू की टीम ने रायपुर मेयर एजाज ढेबर, अख्तर ढेबर, अनवर ढेबर और जुनैद ढेबर के घर में छापा मारा है। साथ ही एसीबी और ईओडब्ल्यू ने अनवर ढेबर के वेनिंगटन होटल में भी दबिश दी है। आज शुक्रवार को सुबह 6 बजे उनके घर में दबिश दी है। 16 अधिकारी जांच में जुटे हुए हैं। शराब घोटाला मामले में कई अन्य लोगों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
बता दें कि बीते दिनों भी एसीबी और ईओडब्लू की टीम ने छापेमारी की थी। इसमें टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबियों के यहां रायपुर और बिलासपुर समेत 21 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान टीम के हाथ 19 लाख कैश, करोड़ों के जेवरात और संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए थे।
अरुणपति त्रिपाठी के साथ अनवर ढेबर और अरविंद सिंह कोर्ट में पेश
इधर, शुक्रवार को एसीबी और ईओडब्ल्यू की गिरफ्त में आए अरुणपति त्रिपाठी के साथ कारोबारी अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को कोर्ट पेश किया गया। बताया जा रहा है कि अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को तीसरी बार रिमांड पर लेने की पूरी तैयारी की गई है, क्योंकि बिहार से अरुणपति त्रिपाठी की गिरफ्तारी के बाद उसे भी रिमांड पर लिया जाएगा। तीनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करने के संकेत अधिकारियों ने दिए है। गुरुवार को आबकारी विभाग के पूर्व सचिव अरुणपति (एपी) त्रिपाठी को गिरफ्तार किया गया। त्रिपाठी, बिहार के गोपालगंज के भोरे में अपने एक रिश्तेदार के यहां छिपे थे।
दस्तावेज किए गए जब्त
टीम जिन स्थानों में छापे की कार्रवाई करने पहुंची थी, उन स्थानों से उसने दस्तावेज जब्त किए हैं। किसी को भी हिरासत में नहीं लिया गया है। दस्तावेज किस प्रवृत्ति के हैं, स्पष्ट नहीं हो सका है। ईओडब्ल्यू की टीम ने सदर बाजार स्थित हवाला कारोबारी के ठिकाने से कई महत्वपूर्ण जब्त किए हैं। सूत्रों के अनुसार ईओडब्ल्यू को शराब घोटाले की रकम को विदेश में निवेश करने की जानकारी मिली है। हालांकि जांच टीम ने अभी प्राप्त राशि की जानकारी नहीं दी है।
अहम पदों पर रहे त्रिपाठी
वर्तमान में दूरसंचार विभाग सेवा के अधिकारी एपी त्रिपाठी कई पदों पर रह चुके हैं। वह छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के पूर्व एमडी भी रहे हैं। इन्हें यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद आइटीएस कैडर मिला था। वह रमन सिंह के समय प्रतिनियुक्ति पर आए थे। वर्ष 2018 में राज्य में सरकार बदलने के बाद भूपेश बघेल सरकार में उनकी रवानगी की चर्चाएं थीं, लेकिन आबकारी विभाग के नीति नियंता के रूप में विशेष सचिव पद पर बैठा दिया गया। वह भिलाई सेक्टर-9, निवासी हैं।