Home मध्यप्रदेश 19 तक दिग्गजों की रहेगी आवाजाही, राहुल-मोदी के बाद उतरेंगे स्टार प्रचारक

19 तक दिग्गजों की रहेगी आवाजाही, राहुल-मोदी के बाद उतरेंगे स्टार प्रचारक

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भोपाल

प्रदेश के आदिवासी वोटरों पर दोनों पार्टियों का फोकस है। सतपुड़ा की पहाड़ियों की बीच स्थित मंडला की सीट आदिवासी बाहुल्य है। इस क्षेत्र के मतदाताओं का मन टटोलना दोनों पार्टियों के लिए मुश्किल हो गया है। राज्य के आदिवाससी बाहुल्य क्षेत्र में भोपाल से लेकर दिल्ली वॉररूम तक सक्रियता बनी हुई है।

मंडला लोकसभा क्षेत्र में गोंड आदिवासियों की संख्या सबसे ज्यादा मानी जाती है। इस बार यहां पर प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव हो रहा है। वहीं कांग्रेस यहां पर उत्साहित है, वह 2009 की तरह वापसी की उम्मीद लगा रही है। इस क्षेत्र में विधानसभा के आठ क्षेत्र आते हैं, जिसमें से पांच पर कांग्रेस विधायक हैं। आठवीं बार चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते की साख भी इस बार दांव पर है, क्योंकि कुलस्ते हाल ही में विधानसभा का चुनाव हारे थे, इस हार के बाद भी पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव में उतारा है। फग्गन सिंह कुलस्ते पहली बार 1996 में चुनाव लड़े थे। उन्होंने कांग्रेस से यह सीट छीनकर भाजपा की झोली में डाली। कुलस्ते इसके बाद 1998, 1999, 2004 का चुनाव जीते, लेकिन 2009 का चुनाव हार गए।

इसके बाद 2014 और 2019 का चुनाव वे जीते। कुलस्ते को अटल बिहारी बाजपेयी ने अपनी कैबिनेट में शामिल किया था। वे भाजपा के सबसे बड़े आदिवासी चेहरे के रूप में प्रदेश में माने जाने हैं। वे यहां से अपना आठवां चुनाव लड़ रहे हैं। इधर लगातार चार बार से विधायक मरकाम कांग्रेस में तेजी से उभरते हुए नेता हैं। कमलनाथ की सरकार में मंत्री रहे थे। वे कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य हैं। ओमकार सिंह मरकाम का इस सीट से यह दूसरा चुनाव है।

फिर से है मुकाबला
भाजपा उम्मीदवार फग्गन सिंह कुलस्ते और कांग्रेस उम्मीदवार ओमकार सिंह मरकाम के बीच पहले भी इस सीट पर मुकाबला हो रहा है। इससे पहले दोनों के बीच ठीक दस साल पहले 2014 में मुकाबला हुआ था। इस चुनाव में ओमकार सिंह मरकाम एक लाख दस हजार 469 वोटों से फग्गन सिंह कुलस्ते से हारे थे। कांग्रेस ने इस सीट पर दस साल बाद फिर से ओमकार सिंह मरकाम पर भरोसा जताया है। कांग्रेस को उम्मीद है कि वह 2009 की तरफ जीत कर यहां पर वापसी करेगी। जबकि कुलस्ते की जीत के लिए भाजपा ने पूरी ताकत लगा दी है। यहां पर मंत्री संपत्तिया उइके सहित कई आदिवासी नेता पूरा समय देकर भाजपा को जीत दिलाने के लिए प्रयास रत हैं।

इस क्षेत्र में ये विधानसभा आते हैं
मंडला लोकसभा सीट चार जिलों में बंटी हुई है। डिंडौरी और मंडला के साथ ही इस सिवनी और नरसिंहपुर जिले के क्षेत्र इसमें आते हैं। डिंडौरी, बिछिया, निवास, केवलारी, लखनादौन विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के विधायक हैं। जबकि शाहपुरा, मंडला और गोटेगांव विधानसभा में भाजपा के विधायक हैं। यानि मंडला लोकसभा सीट के आधे से ज्यादा हिस्से में कांग्रेस के विधायक हैं। इसमें से निवास विधानसभा सीट से फग्गन सिंह कुलस्ते हाल ही में चुनाव हारे हैं।