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निर्वाचन आयोग ने लागू किया नया नियम, उम्मीदवार के सामूहिक भोज में शामिल होने पर बढ़ेगी मुश्किल

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भोपाल
भारत निर्वाचन आयोग ने एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है। इस निर्देश में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान किसी भी उम्मीदवार के द्वारा आयोजित सामुदायिक भोज, लंगर या दावत का खर्च अब उसी के चुनावी खर्च में शामिल किया जाएगा।

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आयोग के निर्देशों के अनुसार, यदि कोई उम्मीदवार मतदाताओं से मिलने के लिए किसी ऐसे आयोजन में शामिल होता है, तो उस आयोजन पर किए गए सभी खर्चों को उम्मीदवार के चुनावी खर्च के रूप में माना जाएगा और उसे उसके निर्वाचन खर्च में जोड़ा जाएगा।

हालांकि, आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह नियम उन पारंपरिक धार्मिक समूहों द्वारा आयोजित सामुदायिक कार्यक्रमों पर लागू नहीं होगा, जो केवल मतदाताओं से मिलने के उद्देश्य से आयोजित नहीं किए गए हैं।

यदि कोई उम्मीदवार किसी भोज कार्यक्रम में भाग लेता है, चाहे उसका नाम कुछ भी हो और चाहे उसका आयोजन स्वयं उम्मीदवार या किसी अन्य व्यक्ति ने किया हो, तो उसे उस भोज का आयोजक माना जाएगा। यह निर्देश उन पारंपरिक भोजों पर लागू नहीं होगा जो धार्मिक समुदाय अपने संस्थानों में आयोजित करते हैं, जैसे कि लंगर, शादी या मृत्यु के अवसर पर आयोजित भोज आदि। यदि अभ्यर्थी इन सामुदायिक भोजों, लंगर या दावतों में सामान्य मेहमान के रूप में भाग लेता है, तो इन पर किए गए खर्च को उसके चुनावी खर्च में शामिल नहीं किया जाएगा।

संसदीय क्षेत्र में आने वाले 10 विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक में तीन-तीन कर्मचारियों की टीम नियुक्त की गई है। इस बार चुनाव में एक प्रत्याशी को 95 लाख रुपये खर्च करने की अनुमति दी गई है। प्रत्येक विधानसभा में गठित तीन सदस्यीय टीम में एक वित्त लेखाधिकारी भी शामिल किया गया है, जिन्हें पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गई है।

इसके साथ ही 10 अधिकारियों की एक अलग टीम बनाई गई हैं, जिनमें से तीन पर्यवेक्षक हैं। जो मुख्यालय में रहेंगे। ये 10 अधिकारी टीम की ओर से दिया ब्योरा देखेंगे और प्रत्याशियों से मिलने वाले खर्च की जानकारी से मिलान करेंगे।

ब्योरे का मिलान नहीं होने पर जारी होगा नोटिस

टीम और प्रत्याशी की ओर से दिए गए ब्योरे में अगर मिलान नहीं होता है, तो प्रत्याशी को नोटिस जारी किया जाएगा। इसके साथ ही सही रिपोर्ट देने के लिए कहा जाएगा।

नामांकन शुरू होते टीम हो जाएगी सक्रिय

दक्षिणी दिल्ली सीट पर नामांकन शुरू होते ही खर्च पर निगरानी रखने वाली टीम भी सक्रिय हो जाएगी। टीम प्रत्याशियों की बैठक, रैली, सभा, कार्यालय, नुक्कड़ सभा और प्रत्याशियों का भ्रमण पर नजर रखेगी।

चाय से लेकर सभा तक खर्च सीमा तय की जाएगी

प्रशासन चाय से लेकर जनसभा तक होने वाले खर्च को निर्धारित करेगा। इसके लिए सूची तैयार की जा रही है। जनसभा में आने वाले हेलीकॉप्टर, हेलीपैड का भी खर्चा जोड़ा जाएगा। इसके लिए खर्च के मानक तय किए जाएंगे। प्रशासन नामांकन से पहले खाने-पीने, कुर्सी, पंडाल आदि के खर्च की सूची जारी कर देगा।