वॉशिंगटन
अमरीका में एक शोध में चोट लगने पर इस्तेमाल की जाने वाली कई लोकप्रिय ब्रांड्स की बैंडेज में जहरीले केमिकल पाए गए हैं। शोध का निष्कर्ष न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि दुनियाभर के लोगों के लिए चिंता का विषय भी है, जो बैंडेज का इस्तेमाल करते हैं। शोधकतताओं के मुताबिक ये 'फॉरएवर केमिकल्स' खुले घावों के जरिए खून में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे कैंसर समेत अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
शोध में 18 अलग-अलग ब्रांड की 40 बैंडेज के परीक्षण में 26 में कार्बनिक फ्लोरीन का पता चला, जो हानिकारक फॉरएवर केमिकल्स में गिना जाता है। गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों के लिए बिकने वाले 63 फीसदी बैंडेज में भी फॉरएवर केमिकल्स के अंश पाए गए। कार्बनिक फ्लोरीन का लेवल 11 पीपीएम से 328 पीपीएम तक पाया गया।
शोध की सह-लेखिका और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनवायर्नमेंटल हेल्थ साइंसेज की पूर्व निदेशक डॉ. लिंडा एस. बिर्नबाम ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि चूंकि बैंडेज को खुले घावों पर लगाया जाता है, इसलिए ये बच्चों को भी फॉरएवर केमिकल्स के संपर्क में ला सकती हैं।
उन्होंने कहा कि घावों की देखभाल के लिए फॉरएवर केमिकल्स की जरूरत नहीं है। इसलिए कंपनियों को इन रसायनों को हटा देना चाहिए। बैंडेज में फॉरएवर केमिकल्स का इस्तेमाल उनके वाटरप्रूफ गुणों के कारण किया जाता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि कैंसर के खतरे के साथ ये केमिकल शरीर के विकास और फर्टिलिटी के लिए भी समस्या पैदा कर सकते हैं। आम तौर पर ऐसे केमिकल चिपकने वाले पदार्थ, नॉन-स्टिक कुकवेयर और फूड पैकेजिंग जैसे उत्पादों में पाए जाते हैं।
फॉरएवर केमिकल्स क्यों हैं खतरनाक…
फॉरएवर केमिकल्स जंग के प्रति ज्यादा प्रतिरोधी होते हैं। ये इंसान के शरीर में वर्षों तक रह सकते हैं। संपर्क में आने पर ये रक्त के प्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं और स्वस्थ कोशिकाओं पर प्रतिकूल असर डाल सकते हैं। ये अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।