पटना
बिहार की पूर्णिया सीट से पप्पू यादव निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतर गए हैं. महागठबंधन में यह सीट राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के कोटे में है. आरजेडी की बीमा भारती इस सीट से विपक्षी गठबंधन की उम्मीदवार हैं लेकिन पप्पू यादव के नामांकन ने महागठबंधन की टेंशन बढ़ा दी है. पप्पू यादव के नामांकन को लेकर अब तक चुप्पी साधे रही कांग्रेस की ओर से अब प्रतिक्रिया आई है.
बिहार कांग्रेस ने पप्पू यादव यादव को अल्टीमेटम देते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन वापस लेने के लिए कहा है. बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा है कि किसी को भी निर्दलीय नामांकन नहीं करना चाहिए.उन्होंने दो टूक कहा कि कांग्रेस आलाकमान किसी को भी इन सब चीजों की इजाजत नहीं देता है.
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि और भी लोग हैं जिनको टिकट नहीं मिला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस तरह की चीजें एक्सेप्ट नहीं करती है. बिहार कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नामांकन वापस लेने के लिए अभी समय बचा हुआ है. पप्पू यादव अपना नामांकन वापस ले लें.
गौरतलब है कि आरजेडी उम्मीदवार बीमा भारती ने 3 अप्रैल को पूर्णिया सीट से नॉमिनेशन किया था. बीमा के नामांकन के अगले ही दिन पप्पू यादव ने बतौर निर्दलीय पर्चा भर दिया. पप्पू यादव ने कांग्रेस के जयकारे लगाए, यह दावा किया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के आशीर्वाद से ही नॉमिनेशन किया है.
इससे पहले, पप्पू यादव ने पूर्णिया सीट से नामांकन करने का ऐलान करते हुए कांग्रेस से अपने खिलाफ कोई कार्वाई नहीं करने की गुहार लगाई थी. बता दें कि पप्पू यादव ने अपनी पार्टी के कांग्रेस में विलय का ऐलान करते हुए कहा था कि पूर्णिया सीट से महागठबंधन के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे.
नॉमिनेशन के लिए खुद बुलेट पर फर्राटा भरते पप्पू यादव पहुंचे डीएम दफ्तर
पप्पू यादव इस समय बिहार ही नहीं पूरे देश में सुर्खियां बटोर रहे हैं. वो न सिर्फ अपने बोलने के अंदाज के लिए जाने जाते हैं बल्कि उनका स्वैग भी उन्हें तमाम दूसरे नेताओं से अलग बनाता है. पूर्णिया सीट आरजेडी के खाते में जाने के बाद कांग्रेस में बागी तेवर अपनाने वाले पप्पू यादव ने गुरुवार को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना पर्चा (नामांकन) दाखिल कर दिया.
बुलेट चलाकर नामांकन करने पहुंचे
नॉमिनेशन के लिए जाते वक्त भी पप्पू यादव अपने अलग अंदाज में नजर आए. जहां तमाम नेता गाड़ियों के काफिले के साथ नामांकन के लिए पहुंचते हैं वहीं पप्पू यादव अपने चित-परिचित अंदाज में बुलेट पर अकेले सवार होकर नॉमिनेशन के लिए पूर्णिया के डीएम दफ्तर पहुंचे. इस दौरान पप्पू यादव पूर्णिया की सड़कों पर बुलेट से फर्राटा भरते नजर आए जबकि उनके समर्थक, कार्यकर्ता और मीडियाकर्मी पीछे दौड़ लगाते नजर आए.
पप्पू यादव जैसे ही डीएम दफ्तर की गेट पर पहुंचे वहां एक बार फिर उनका रौब नजर आया. गेट पर भीड़ बढ़ने के बाद उन्होंने वहां तैनात पुलिसकर्मियों से कहा कि जल्दी गेट बंद करो. इसके बाद पप्पू यादव अपनी बुलेट गाड़ी के साथ ही डीएम दफ्तर के अंदर चले गए और वहां डीएम कुंदन कुमार की मौजूदगी में अपना नॉमिनेशन फाइल किया.
बता दें कि पप्पू यादव को बुलेट और हेवी बाइक चलाना बेहद पसंद है, वो अपने क्षेत्र में भी गाड़ी छोड़कर बुलेट से घूमने निकल जाते हैं और रास्ते में मिलने वाले हर शख्स से उनका हालचाल पूछते हैं. पूर्णिया जिले के लोगों को उनका यह अंदाज बेहद पसंद आता है. इतना ही नहीं पप्पू यादव अपने इलाके में लोगों की मदद के लिए भी चर्चित हैं, कहा जाता है कि जो भी उनके आवास पर किसी भी तरह की मदद पाने के लिए पहुंचता है वो वहां से खाली हाथ नहीं लौटता है.
पूर्णिया से जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं पप्पू यादव
पप्पू यादव के पॉलिटिकल करियर की बात करें तो पूर्णिया ने उन्हें कभी निराश नहीं किया है और वो तीन बार बतौर सांसद इस जिले का नेतृत्व कर चुके हैं. पप्पू यादव 1991 और 1999 में इस सीट से निर्दलीय जीतकर आए तो वहीं 1996 में पप्पू यादव पूर्णिया से समाजवादी पार्टी की टिकट पर सांसदी जीते थे. हालांकि इसमें भी समाजवादी पार्टी का कोई खास योगदान नहीं था और उन्होंने अपने छवि की बदौलत ही जीत हासिल की थी.
इसके अलावा मधेपुरा सीट से वह 2004 और 2014 में जीतकर संसद पहुंचे थे. मधेपुरा सीट से दोनों बार उन्होंने राजद की टिकट पर चुनाव जीता था. पप्पू यादव खुद को पूर्णिया का बेटा कहते हैं क्योंकि न सिर्फ उनकी स्कूली शिक्षा पूर्णिया से हुई बल्कि आज भी उनका मूल घर पूर्णिया में ही है.