दमिश्क तेहरान
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी जंग अब पूरे पश्चिम एशिया को चपेट में ले रही है। सोमवार को इजरायल ने सीरिया के दमिश्क में ईरानी कौंसुलेट पर हवाई हमला कर दिया। इस हमले में 7 लोग मारे गए हैं, इनमें से एक ईरान के टॉप सैन्य कमांडर भी हैं। इस हमले में ईरान की सेना से जुड़ी कुद्स फोर्स के जनरल मोहम्मद रेडा जाहेदी मारे गए हैं। 65 साल के जाहिदी कुद्स फोर्स के लिए काम करते थे और सीरिया एवं लेबनान में कवर ऑपरेशंस की निगरानी करते थे। बता दें कि ईरान की सेना का नाम रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स है, लेकिन उसकी विदेशी विंग को कुद्स फोर्स के नाम से जाना जाता है। इस तरह इजरायल के हमले में ईरान को बीते करीब एक साल में सबसे बड़ा नुकसान हुआ है।
इससे पहले भी इजरायल के हमले में ईरान के वैज्ञानिक और सैन्य नेताओं की हत्याएं हो चुकी हैं। इस मामले में इजरायल की सेना की ओर से कोई बयान नहीं आया है। लेकिन नाम उजागर न करने की शर्त पर 4 अधिकारियों ने माना कि हमला इजरायल ने ही किया है। इस हमले की पुष्टि करते हुए ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियान ने कहा कि मैंने सीरिया में बात की है। उन्हें अपनी चिंताओं से अवगत कराया है कि कैसे यहूदी सत्ता दूसरे देशों तक में हमले करा रही है। ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि इजरायल को गाजा में हार झेलनी पड़ रही है। कई महीनों की जंग के बाद भी इजरायल खाली हाथ है। अब तक बेंजामिन नेतन्याहू फेल रहे हैं। ऐसे में वह अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं।
ईरानी सेना के एक अधिकारी ने बताया कि यह हमला एक सीक्रेट मीटिंग को टारगेट करके किया गया था। इस मीटिंग में ईरानी सेना के अधिकारियों के साथ फिलिस्तीनी उग्रवादी मौजूद थे। मीटिंग में चर्चा हो रही थी कि कैसे गाजा में इजरायल की सेना का मुकाबला किया जाए। इसी दौरान यह हमला हुआ, जिसमें 7 लोग मारे गए और उनमें से एक सीनियर ईरानी जनरल भी थे। इस बैठक में फिलिस्तीन में सक्रिय संगठन इस्लामिक जिहाद के लोग मौजूद थे। माना जाता है कि इस समूह को ईरान से आश्रय मिलता रहा है और वही इसकी फंडिंग भी करता है। इस्लामिक जिहाद के हेड जियाद नाखालेह पिछले सप्ताह ईरान की यात्रा पर भी आए थे।
इस जोरदार हमले के बाद ईरान भड़क गया है। सीरिया में ईरान के राजदूत हुसैन अकबरी ने कहा कि हम इस मामले में निर्णायक प्रतिक्रिया देंगे। उन्होंने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है, जो इजरायल ने किया है। उसे इसका अंजाम तो भुगतना ही होगा। वहीं ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कानानी ने कहा कि हमारे पास अधिकार है कि हम जवाब दें। अब हम तय करेंगे कि हमलावर को कैसे सजा देनी है और कब कैसे अटैक करना है।