बांसवाड़ा
जनजाति जिले बांसवाड़ा में अब गांवों में नहीं बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी कुपोषण बढ़ रहा है. इसका खुलासा महिला एवं बाल विकास विभाग की हाल ही में जारी रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार जिले में 7 हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषण की जद में है. जिसमें सबसे ज्यादा गढ़ी में 2092 और सबसे कम कुशलगढ़ में 67 बच्चे कुपोषित हैं. वहीं बांसवाड़ा शहर में 898 बच्चे कुपोषित हैं. इसकी वजह जंक फ़ूड का बढ़ता उपयोग है. जिसमें बर्गर, पिज्जा, मैगी नूडल्स, हॉट पिज्जा, मोमोज सहित स्ट्रीट फूड में कचोरी , समोसा आदि का उपयोग बहुत तेजी से बढ़ रहा है. वहीं ऑनलाइन डिलेवरी होने पर भी इनकी पहुंच ग्रामीण क्षेत्रों में भी हो चुकी है।का अधिक सेवन बताया जा रहा है.
बढ़ रहा कुपोषण का दायरा
रिपोर्ट के यह आंकड़े बता रहे हैं कि अब गांवों में पर्याप्त भोजन नहीं मिलने की वजह से कुपोषित बच्चे नहीं हो रहे हैं, बल्कि पौष्टिक आहार को नजरंदाज करने से हो रहे हैं. क्योंकि अब गांवों में नहीं शहरी इलाकों में कुपोषित बच्चे ज्यादा पैदा हो रहे हैं. एमजी अस्पताल के महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. पीसी यादव के मुताबिक शहरी क्षेत्र में पौष्टिक आहार को नजरंदाज करना कुपोषण की मुख्य वजह है. महिलाएं, बच्चे, दूध, फल, हरी सब्जी की बजाय फास्ट या जंक फूड का अधिक इस्तेमाल करते हैं. पौष्टिक आहार से परहेज करने से अनेक स्वास्थ्य समस्याएं जटिल हो सकती हैं. फास्ट फूड के सेवन से हर साल 8 फीसदी लोगों में बीमारी बढ़ रही है.
जंक फूड से बीमारियों का घेरा
नियमित रूप से जंक फूड का उपयोग करने से हाई ब्लड प्रेशर, दांत की समस्या, कब्ज, हार्ट से संबंधित परेशानी, स्किन की समस्या, लेटने और बैठने में घबराहट की समस्या महसूस करने लगते हैं. चिकित्सक पी सी यादव ने बताया कि कुपोषण की मुख्य वजह पौष्टिक आहार नहीं करना है. विटामिन और आयरन से जुड़ा भोजन नहीं मिलने से शारीरिक और मानसिक विकास नहीं होता है. इंफेक्शन जल्दी होता है. शहर में महिलाएं भोजन में पर्याप्त हरी सब्जी, फल और दूध नहीं लेती है.
ब्लॉकवार कुपोषण के आंकड़े
जिले के आनंदपुरी ब्लॉक में 261 लड़के और 239 लड़कियां कुपोषित हैं. अरथूना ब्लॉक में 108 लड़के और 106 लड़कियां, बागीदौरा ब्लॉक में 653 लड़के और 613 लड़कियां, बांसवाड़ा शहर में 449 और लड़के 455 लड़कियां, छोटी सरवन क्षेत्र में 172 लड़के और 173 लड़कियां, गढ़ी विधानसभा क्षेत्र में 1270 और 822 लड़कियां, घाटोल क्षेत्र में 310 और 272 लड़कियां, कुशलगढ़ क्षेत्र में 34 लड़के और 33 लड़कियां, सज्जनगढ़ ब्लॉक में 249 लड़के और 271 लड़कियां , तलवाड़ा ब्लॉक में 327 और 331 लड़कियां कुपोषित हैं.