अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
भोपाल
हर वर्ष 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। भोपाल में महिला-बाल विकास विभाग द्वारा मंगलवार को रवीन्द्र भवन में इस वर्ष की अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम “इन्वेस्ट इन वुमन-एक्सीलरेट प्रोग्रेस’’ पर कार्यक्रम आयोजित हुआ।
महिला-बाल विकास मंत्री ने आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ देखी “लापता लेडीज’’ फिल्म
महिला-बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने विभाग द्वारा “लापता लेडीज’’ फिल्म के विशेष शो को आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ सिनेमा-घर जाकर देखा। सुश्री भूरिया ने कहा कि “लापता लेडीज’’ महिला सशक्तिकरण का संदेश देती फिल्म है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास श्रीमती दीपाली रस्तोगी एवं आयुक्त महिला-बाल विकास श्रीमती सूफिया फारुखी वली भी उपस्थित थीं।
महिला-बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने कहा कि महिला दिवस एक ऐसा दिन है, जिसमें हर महिला एक दिन वह अपने लिए अपनी रुचि का काम करें। यह एक दिन का नहीं, बल्कि भविष्य में उत्सव के रूप में मनाया जायेगा।
मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि वर्तमान समय में लैंगिक समानता हासिल करने का दबाव बढ़ रहा है। जीवन के सभी पहलुओं में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को सुनिश्चित करना, समृद्ध और न्यायसंगत अर्थ-व्यवस्था को बढ़ावा देना और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ, सुरक्षित दुनिया निर्मित करना ही एकमात्र तरीका है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में तरह-तरह की सांस्कृतिक विविधता के साथ ग्रामीण, शहरी और आदिवासी अंचलों में महिलाओं के सशक्तिकरण की अलग-अलग स्थिति है। सुश्री भूरिया ने कहा कि सामाजिक परिवर्तन की शुरूआत स्वयं से होती है। परिवार और समाज को किस दिशा में ले जाना है, यह हम सभी को मिलकर सोचना होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम छोटी उम्र के लड़कों के लिए भी आयोजित किए जायें, जिससे उन्हें भी गाइड किया जा सके। इसके लिए महिला-बाल विकास विभाग के साथ गृह और स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय कर नये प्रोग्राम तैयार किये जायेंगे।
कार्यक्रम में एडीजी श्रीमती ऋचा श्रीवास्तव ने महिलाओं से ज्यादा से ज्यादा पुलिस में भर्ती होने का आहवान करते हुए कहा कि हम अगर आधी आबादी हैं, तो हमें अपनी पूरी शक्ति दिखानी होगी। यूएनएफपीए के श्री सुनील थॉमस जैकब ने कहा कि महिलाएँ आगे आकर अपनी बात रखने की क्षमता रखें। किशोरियों में निर्णय लेने की क्षमता विकसित करना, बाल विवाह रोकथाम, परिवारों को भी शिक्षित करना और सामाजिक स्तर पर लड़का-लड़की में भेदभाव न हो, यह सोच भी विकसित करना आवश्यक है।
इस अवसर पर महिला-बाल विकास मंत्री सुश्री भूरिया ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने वाले युवाओं को सम्मानित किया। रवीन्द्र भवन परिसर में लगी विभिन्न जिलों की मिलेट प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।