नई दिल्ली
मरने के बाद इंसान को या तो जलाया जाता है या फिर उनको कब्र में दफनाया जाता है। आजतक हमने इन्हीं दो प्रक्रियाओं के बारे में सुना है। लेकिन अब मरने के बाद जल दाह संस्कार का भी विकल्प होगा। जल दाह संस्कार की तैयारी ब्रिटेन में चल रही है। ब्रिटेन की सबसे बड़ी फ्यूनरल कंपनी को-ऑप फ्यूनरलकेयर इसकी तैयारी कर रही है। अगर यह सफल प्रक्रिया होती है तो ब्रिटेन में मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार दफनाने के अलावा उसको पानी में भी अंतिम संस्कार का विकल्प देगा। ब्रिटेन से पहले जल दाह संस्कार की यह प्रक्रिया यू.एस., कनाडा और दक्षिण अफ्रीका में काफी लोकप्रिय है।
जल दाह संस्कार क्या है?
जल दाह संस्कार दाह संस्कार की एक प्रक्रिया है जिसमें मृतक के शरीर को एक बायोडिग्रेडेबल थैली में रखा जाता है, जिसे दबाव वाले पानी और पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड के साथ एक कंटेनर में रख दिया जाता है। शरीर के ऊतक (Tissues) और कोशिकाएं (Cells) जलीय घोल (watery solution) में परिवर्तित हो जाते हैं। हड्डियां, दंत प्रत्यारोपण और शरीर के अन्य कठोर चीज़ें क्षारीय घोल वाली पानी में छोड़ दी जाती हैं। जब ये प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो इस सामग्री को छोटी-छोटी हड्डियों में तोड़ दिया जाता है। इसके बाद हड्डियां नरम रह जाती हैं और इन्हें सुखाकर सफेद पाउडर बना दिया जाता है। इसके बाद इसे रिश्तेदार कलश में ले जा सकते हैं।
पर्यावरण के लिए है अनुकुल
जल दाह-संस्कार को हाइड्रो दाह-संस्कार, जैव दाह-संस्कार, क्षारीय जल-अपघटन भी कहा जाता है। यह पर्यावरण के अनुकूल है क्योंकि यह हवा में जहरीली गैसें नहीं छोड़ता है, या पानी को प्रदूषित नहीं करता है। पारंपरिक दाह संस्कार में, जिसमें शवों को जलाकर राख कर दिया जाता है, कार्बन डाइऑक्साइड और जहरीली गैसों को हवा में छोड़ दिया जाता है, जब किसी शव को जमीन में दफनाया जाता है, तो पानी के दूषित होने की संभावना होती है। जल दाह संस्कार में किसी भी तरह की जगह या ताबूत (Coffin) की जरूरत नहीं होती। ब्रिटेन की सहकारी फ्यूनरलकेयर कंपनी ने सरकार को अपनी योजनाओं के बारे में सूचित कर दिया है और मंजूरी का इंतजार कर रही है। जल दाह संस्कार अवैध नहीं है, लेकिन कंपनी को यह दिखाना होगा कि वह पर्यावरण, सुरक्षा और स्वास्थ्य नियमों का पालन कर रही है।