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सालभर में 750 भारतीय बने अमीर, देश में 2028 तक इतने लोग बन जाएंगे अल्ट्रा रिच!

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नई दिल्ली
भारत में संपन्न लोगों की तादाद में तेज इजाफा हो रहा है. इससे भारत में भारत में अल्ट्रा-हाई नेट वर्थ यानी UHNWI की संख्या बढ़ रही है. UHNWIs उन्हें कहा जाता है जिनके नेटवर्थ 30 मिलियन डॉलर यानी करीब ढाई सौ करोड़ रुपये है. नाइट फ्रैंक के मुताबिक भारत में ऐसे लोगों की संख्या 2023 में 6.1 फीसदी बढ़कर 2022 के 12 हजार 495 के मुकाबले 13 हजार 263 हो गई. 2028 तक इनकी संख्या करीब 50 फीसदी बढ़कर 19 हजार 908 होने का अनुमान है.

इस साल 90% अमीरों को संपत्ति बढ़ने का भरोसा

नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के मुताबिक 2024 के दौरान 90 फीसदी UHNWIs को अपनी संपत्ति में बढ़ोतरी की उम्मीद है. करीब 63 परसेंट तो तो अपनी नेटवर्थ में 10 परसेंट से ज्यादा इजाफे का भरोसा है. जानकारों के मुताबिक आर्थिक सुस्ती के बीच घटती महंगाई और ब्याज दरों में कटौती के अनुमान से भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ में तेजी बनी रहेगी. इस तेजी का फायदा सभी के साथ अमीर भारतीयों को भी मिलेगा और उनकी संपत्ति में भी इससे बढ़ोतरी होगी.  

2028 तक भारत में अल्ट्रा रिच की संख्या 50% बढ़ेगी

भारतीय अमीरों की संख्या में अगले 5 साल में वैश्विक औसत के मुकाबले तेज इजाफा होने का अनुमान है. नाइट फ्रैंक के मुताबिक दुनियाभर में अगले 5 साल में UHNWIs की संख्या 28.1 प्रतिशत बढ़कर 2028 तक करीब 8.03 लाख हो सकती है. 2023 में दुनियाभर में UHNWIs की संख्या 6.01 लाख से 4.2 परसेंट बढ़कर 6.26 लाख हो गई. जबकि 2022 में दुनियाभर में अल्ट्रा-हाई नेट वर्थ कैटेगरी में लोगों की संख्या घट गई थी.

अगर अलग देशों में 2023 में UHNWI की संख्या में हुए इजाफे को देखा जाए तो इस लिस्ट में सबसे आगे तुर्की है जहां UHNWI की संख्या 9.7 फीसदी बढ़ी है. वहीं अमेरिका में अल्ट्रा-हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स की संख्या बीते साल 7.9 परसेंट बढ़ी है. 6.1 फीसदी के इजाफे के साथ भारत इस लिस्ट में तीसरे, दक्षिण कोरिया 5.6 परसेंट के साथ चौथे और स्विट्जरलैंड 5.2 फीसदी इजाफे के साथ पांचवे नंबर पर है.

अमीर लोग दूसरे देशों में बसने के लिए तैयार!
लेकिन आगे चलकर ये भी मुमकिन है कि तेज विकास दर वाले देशों से निकलकर काफी UHNWI दूसरे देशों में भी बस सकते हैं. इससे यूरोप, आस्ट्रेलिया और उत्तरी अमेरिका में धनी लोगों के बसने का ट्रेंड देखने को मिल सकता है. नाइट फ्रैंक के मुताबिक फिलहल एशिया, मिडिल ईस्ट, आस्ट्रेलिया और उत्तरी अमेरिका में UHNWI की संख्या और संपत्ति बढ़ रही है. यूरोप इस मामले में थोड़ा पिछड़ रहा है जबकि अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के सबसे कमजोर क्षेत्र साबित हो रहे हैं.

17% खर्च लग्जरी सामानों पर करते हैं अमीर
नाइट फ्रैंक की 'द वेल्थ रिपोर्ट-2024' के मुताबिक देश के सबसे अमीर लोग 17 फीसदी पैसा लग्जरी चीजों को खरीदने पर खर्च करते हैं. इन UHNWI को करोड़ों की लग्जरी घड़ियां, क्लासिक कारें, लग्जरी हैंडबैग, रंगीन हीरे, दुर्लभ व्हिस्की और ज्वैलरी खरीदना पसंद है. इसके अलावा अरबपति लोग आर्ट, फर्नीचर और सिक्कों पर भी खूब पैसा खर्च करते हैं.