पिपलिया मंडी
अखिल भारतीय साहित्य परिषद नगर इकाई पिपलिया मंडी के तत्वाधान में ' सुनें व सुनाइये' के अंतर्गत एक काव्य गोष्ठी का आयोजन साहित्यकार भगवती प्रसाद गहलोत के निवास पर वरिष्ठ कवि लक्ष्मी नारायण कराड़ा के मुख्य अतिथ्य, कवि पंकज शर्मा तरुण की अध्यक्षता, व अंबालाल कारपेंटर के विशेष आतिथ्य में आयोजित की गई। प्रारंभ में मंचासीन ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प हार अर्पित किये व भगवती प्रसाद गेहलोत ने स्वरचित प्रार्थना ' हे शारदे मां ' प्रस्तुत कर गोष्ठी का शुभारंभ किया। अंबालाल कारपेंटर ने चरित्र पर कविता , चरित्र कांच की चूड़ी है, फूट गई तो फूटी कौड़ी है ।
, भंवर लाल सैनी ने नेता पर व्यंग्य रचना , वी आय पी जेल जाता है , सारी वी आय पी सुविधा पाता है। ' बालुराम कराड़ा ने हास्य फूलझड़ी छोड़ते हुए कहा , साबुत आयने को सब निहारते हैं, जब चटक जाता है तो सब बचकर निकलते हैं ' रामेश्वर पाटीदार ने व्यास शब्द का अर्थ स्पष्ट करते हुए सनातन धर्म की वैज्ञानिकता के बारे में प्रकाश डाला , राधेश्याम सैनी ने अपने अनुभव आधारित रचना पाठ करते हुए कहा , ' ये मेरा है ये तेरा है , ये छोटी सोच वाले करते हैं ।
से नि पोस्ट मास्टर मोहनलाल राठौर ने अपने अयोध्या यात्रा के संस्मरण व नारकोटिक्स विभाग से सेवानिवृत इंस्पेक्टर हरिसिंह यादव ने ' प्रभु पत्नी दे तो एसी दे ' को लेकर हास्य रचना सुनाई । सुनिल राठौर ने वसंत पंचमी पर , ' वाणी पियूष मय हो जाए , दिव्य सुधा रस बरसाये , कवि पंकज शर्मा तरुण ने गोष्ठी को वासंती मय करते हुए दोहे गायन , सतरंगी मन मोहना स्वागत है ऋतुराज से रंग बिखेरा ,लक्ष्मी नारायण कराड़ा ने मालवी कविता प्रस्तुत कि ,' मने कदी नई देखीजी रेल भवंरजी आज वतई दो जी , भगवती प्रसाद गेहलोत ने पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कविता , दुश्मन सामने ताल ठोकता ,मान मर्दन उसका करता , मां का मस्तक ऊंचा रखता , वीर जवान इस देश का । राजेन्द्र कैथवास ने खेती -वाड़ी पर हास्य कथा सुनाई। कवि गोष्ठी के दो दौर हुए। अ भा साहित्य परिषद के महामंत्री पद पर पंकज शर्मा तरुण का मनोनयन होने पर स्वागत किया । सुप्रसिद्ध कवि दादा बाल कवि बैरागी, पुलवामा के शहीदों, की पुण्यतिथि तिथि व मंदसौर के कवि स्व हरिकृष्ण बड़ोलियाको श्रद्धांजलि अर्पित की व अंत में साहित्य परिषद के अध्यक्ष सुनील राठौर ने सबका आभार व्यक्त किया।