मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की राज्य स्तरीय निर्यात एवं संवर्धन समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ में निर्यात किये जाने वाले उत्पाद एवं सेवाएं, निर्यात संभावित क्षेत्र, एक जिला एक उत्पाद योजना, छत्तीसगढ़ राज्य से संबंधित निर्यात संबंधी समस्याओं सहित राज्य में विभिन्न उद्योग एवं वाणिज्य के क्षेत्र में कार्यरत केन्द्रीय संस्थानों के स्थापना संबंध में विस्तार से चर्चा की गई।
मुख्य सचिव ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अधिकारियों से पिछले वर्षों में राज्य से निर्यात तथा प्रमुख निर्यात उत्पादों एवं सेवाएं की जानकारी ली। उन्होंने राज्य में माईनर फारेस्ट प्रोडयूज के निर्यात के संबंध में विभिन्न देशों में की जा रही मांग के अनुसार उत्पादों का उत्पादन करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में चावल, आयरन और स्टील के उत्पाद, एल्यूमीनियम सहित मसाले, हर्बल उत्पाद, फल सब्जियों के बीज, रेशम यार्न, हेण्डलूम उत्पाद एवं हैण्डीक्राप्ट जैसे राज्य से निर्यात किये जाने योग्य उत्पादों के संबंध में व्यापक चर्चा की गई। इसी तरह से निर्यात के संभावित क्षेत्र लघु वनोपज, उद्यानिकी, मत्योत्पादन के क्षेत्र में गुणवत्ता, संवर्धन, पैकेजिंग तथा प्रमाणीकरण पर कार्ययोजना तैयार कर निर्यात की वृद्धि के लिए आवश्यक प्रयास करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
मुख्य सचिव ने राज्य में निर्यात के क्षेत्र से संबंधित विभिन्न केन्द्रीय संस्थाओं की छत्तीसगढ़ में स्थापना के संबंध में आवश्यक कार्यवाही किये जाने की बात कही। बैठक में उद्योग विभाग के अधिकारियों ने वनोपज उत्पादों के निर्यात प्रोत्साहन हेतु मुख्य परिषद की आवश्यकता बताई। अभी इसका एक मात्र कार्यालय कोलकाता में है। बैठक में छत्तीसगढ़ लघु वनोपज फेडरेशन लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 52 प्रकार के मसाले एवं वनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। इसमें महुआ, काजू, आंवला, इमली, चिरौंजी, शहद सहित अन्य वनोपज के उत्पाद तैयार किये जाते है। इनकी विभिन्न देशों में मांग है। इन वनोपज उत्पादों के निर्यात की काफी संभावनाये है। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि राज्य के ब्रोकन राईस को निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। चूंकि छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है। अतः ब्रोकन राईस पर पूर्ण प्रतिबंध किया जाना असंगत है। इसके लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है। बैठक में राज्य के निर्यात, क्षमता, निवेश की आवश्यकता अन्य आर्थिक और विकासात्मक पहलुओं के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार श्री आलोक शुक्ला, कृषि सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, लोक निर्माण विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, विशेष सचिव उद्योग एवं वाणिज्य श्री हिमशिखर गुप्ता मौजूद थे। बैठक में भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, केन्द्रीय उत्पाद, सीमा शुल्क, विकास आयुक्त शेज विदेश व्यापार महानिदेशालय के प्रतिनिधि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।