रायपुर
श्रीराम कथा सुनते हैं तो हर घर में-हर जीवन में जानी चाहिए। हर घर में यदि प्रेम और संवेदना हो तो क्यों नहींं घर,समाज व देश में रामराज्य होगा। घर में कलहराम का होना कदापि अच्छा नहीं है। अच्छे लोगों के साथ जुड़िए,उठना-बैठना करिए तो बुराई अपने आप चले जायेगी। एक बात का गांठ बांध लें जब भी घर से बाहर जायें भगवान के कमरे में बताकर जायें और वापस आएं तो फिर भगवान को बताएं,कभी कोई घटना नहीं होगी। भगवान की चरणों में दो ही चीज ले जा सकती है एक राम कथा ( संत की वाणी) और दूसरी राम बाण (भक्त की वाणी)। भोग की गोद में पड़े रहने से नहीं,भगवान की गोद में चले जायेंगे तो अमर हो जायेंगे।
संत विजय कौशल महाराज जी के श्रीराम कथा का समापन दिवस था, राम-रावण युद्ध और अयोध्या वापसी पर राजतिलक के प्रसंगवश उन्होने कई बातें बतायी, भगवान की महिमा देखिए रावण से युद्ध के पहले बातों-बातों में समझाने का प्रयास कई बार किया ताकि खून खराबा न हो लेकिन रावण तो रावण था। भगवान ने तो हर परिस्थिति में मयार्दा का पालन किया है। विभीषण के प्रश्न पर श्रीराम जी का उत्तर प्रासंगिक है जब वे कहते हैं कि सखा हम धर्मयुद्ध के मैदान पर खड़े हैं इसलिए हमें किसी रथ की आवश्यकता नहीं हैं। अवध वापसी पर भगवान राम के राजतिलक के दौरान राजा दशरथ का सिंहासन बदल दिया गया,इसलिए कि वह धर्म रक्षा का सिंहासन था और राम का सिंहासन प्रेम का है जिसमें न कोई छोटा न कोई बड़ा, न अमीर न गरीब, न ऊंचा-न नीचा, मानवता के प्रतीक में करूणा, प्रेम और संवेदनशीलता ही भरा हुआ है।
उन्होने बताया कि शोक और आनंद में ओंठ नहीं आंखें बोला करती हंै.इसलिए कहा गया है कि दुख का ही नहीं बल्कि अत्यधिक खुशी का संदेश भी किसी को एकाएक नहीं देना चाहिए। कथा तो सुनते हैं पर कथा की बातों को,संत के उपदेशों का अनुकरण नहीं करते हैं। भगवान का संकल्प और गुरू का आर्शिवाद जिसके साथ होता है उसका काल भी बाल बांका नहीं कर सकता है।
साल में एक बार अवश्य हो मंगलमय परिवार का मिलन
महाराजश्री ने कथा समाप्ति पश्चात व्यास पीठ से सभी को शुभाशीष देते हुए कहा कि साल में एक बार रायपुर में मंगलमय परिवार का मिलन कार्यक्रम अवश्य हो। वे स्वंय भी आयेंगे। वृंदावन में दो दिन का कार्यक्रम रखकर मंगलमय परिवार खुशियां मनाने आ सकते हैं। अगले वर्ष सितंबर में अयोध्या में उनकी श्रीराम कथा होगी,ननिहाल के लोगों को वे पहले से ही आमंत्रित कर रहे हैं।
संत विजय कौशल महाराज जी से मुख्यमंत्री साय ने लिया आर्शिवाद
श्रीराम कथा आयोजन समिति और मंगलमय परिवार की ओर से रायपुर में आयोजित श्रीराम कथा सत्संग के लिए पधारे संत विजय कौशल महाराज जी से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय,उप मुख्यमंत्रीद्वय अरूण साव एवं विजय शर्मा,धर्मस्व व संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मुलाकात कर आर्शिवाद प्राप्त किया। महाराज ने उन्हे छत्तीसगढ़ राज्य की सुख समृद्धि और खुशहाली के लिए आर्शिवाद प्रदान करते हुए जनसेवक के रूप में कार्य करने का आर्शिवाद प्रदान किया। इस मौके पर श्रीराम कथा आयोजन समिति के प्रमुख बृजलाल गोयल, मनोज गोयल व अन्य सदस्य उपस्थित थे।