नई दिल्ली
माघ महीने में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी व्रत को सकट चौथ कहा जाता है। सकट चौथ व्रत में भगवान श्रीगणेश की विधि- विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विघ्नहर्ता की पूजा करने संतान की रक्षा होती है और जीवन के सभी संकट दूर होते हैं। माघ माह के कृष्ण पक्ष की सकट चतुर्थी तिथि की शुरूआत 29 जनवरी की सुबह 6:10 बजे होगी। अगले दिन इसका समापन सुबह 8:54 बजे पर होगा। उदया तिथि में चतुर्थी तिथि के हिसाब से व्रत 29 जनवरी को रखा जाएगा। सकट चौथ व्रत के दिन चंद्र पूजन अनिवार्य माना गया है।
सकट चौथ व्रत पूजन मुहूर्त
सकट चौथ की पूजा का शोभन योग में प्रात: काल से लेकर सुबह 9 बजकर 44 मिनट तक है। अभिजीत मुहूर्त 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक है।
सकट चौथ 2024 चंद्रोदय का समय-
सकट चौथ के दिन चन्द्रोदय समय- रात 09 बजकर 10 बजे होगा। इसी समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाएगा और व्रत को खोला जाएगा। इस व्रत में कथा पढ़ी जाती है। एक कथा भगवान शंकर वाली है और एक कथा कुम्हार वाली है। देश के अलग-अलग हिस्सों में चंद्रोदय का टाइम अलग-अलग होता है।इसके बाद ही व्रत पारण किया जाएगा।
सकट चौथ व्रत का भोग- सकट चौथ पर तिल का विशेष महत्व है। इसलिए भगवान गणेश को तिल के लड्डुओं का भोग जरूर लगाना चाहिए।
व्रत का महत्व- सकट चौथ व्रत संतान की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। इस दिन संकट हरण गणेश जी का पूजन होता है। पूजा में दूर्वा, शमी पत्र, बेल पत्र, गुड़ और तिल के लड्डू चढ़ाए जाते है। यह व्रत संतान के जीवन में विघ्न, बाधाओं को हरता है। संकटों व दुखों को दूर करने वाला और रिद्धि-सिद्धि देने वाला है।